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ग्रामीण ने पहाड़ को काटकर बनाई सड़क !

ग्रामीण ने पहाड़ को काटकर बनाई सड़क !

सरगुजा (छत्तीसगढ़)। देश में चुनाव का समय आते ही नेता लोकतंत्र के नाम पर जनता की सेवा का झूठा राग अलापना शुरु कर देते हैं और जनता को अपना मालिक बताकर उन्हें बेवकूफ बनाते हैं। पर जैसे ही उन्हें सत्ता मिल जाती है, वह तथाकथित मालिक को मुड़कर देखना भी गवारा नहीं करते हैं। नेताओं और अधिकारियों का ऐसा ही कारनामा सरगुजा में बतौली क्षेत्र के दूरस्थ ग्राम बांसाझाल में देखने को मिला है, जहां अधिकारियों ने ग्रामीण वीरन राम के घर तक सड़क बनाने की मांग को ठुकरा दिया । लेकिन इरादे के पक्के वीरन राम उनके इस व्यवहार से हारे नहीं और दो साल की अथक परिश्रम के बाद अपने घर तक 2 किलोमीटर सड़क बना डाली ।

 आपको बता दें कि सरगुजा जिले के बतौली क्षेत्र के दूरस्थ ग्राम बांसाझाल के पहाड़ी क्षेत्र के रहने वाले ग्रामीण वीरन राम के लिए दो साल पहले प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास स्वीकृत किया गया था, लेकिन इस पहाड़ी गांव में उसके घर तक निर्माण सामग्री पहुंचाने के लिए सड़क नहीं थी । इस समस्या के निदान के लिए वीरन राम ने पंचायत पदाधिकारियों के अलावा स्थानीय जनपद के अधिकारियों से गुहार लगाई, लेकिन किसी ने उसकी गुहार नहीं सुनी । बल्कि पंचायत पदाधिकारियों ने उसे धमकाकर भगा दिया ।  ऐसी दशा में उन्होंने थक हारकर परिवार सहित खुद कुदाली उठा ली और अपने घर तक दो किलोमीटर सड़क बनाने का बीड़ा उठाया। हालांकि शुरुआत में उसके परिवार ने भी साथ दिया, लेकिन बाद में उनके परिवार वालों ने भी उसका साथ छोड़ दिया। लेकिन वीरन ने अपने दृढ़ संकल्प के बलबूते दो सालों में दो किलोमीटर सड़क अपने घर से लेकर गांव के निचले हिस्से तक बना दी। उसके बाद निर्माण सामग्री से भरी हुई गाड़ियां, ट्रैक्टर इत्यादि उसके निर्माण स्थल तक पहुंचने लगी और प्रधानमंत्री आवास के तहत उनका घर बनकर तैयार हो गया। वीरन राम के 5 बच्चे हैं। उनका बड़ा लड़का 12वीं कक्षा में पढ़ता है। लेकिन अभी भी वीरन राम के सपनों के घर में उजाला होना बाकी है। अभी तक उनके घर तक विद्युत विभाग बिजली नहीं पहुंचा पाया है। अब देखने वाली बात है कि वीरन राम के घर में कब उजाला होता है।

नागरिक का मौलिक कर्तव्य

(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें। 

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।

(ग) भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें। 

(घ) देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें। 

(ङ) भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।

(च) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। 

(छ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।

(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें । 

(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें। 

(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।

(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

आधार की प्राइवेसी को मजबूत बनाने के लिए UIDAI ने अब नया क्यूआर कोड (QR code) जारी किया है। जिसे 12 अंकों का आधार नंबर बताए बिना ऑफलाइन यूजर वेरिफिकेशन के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

दिव्यांग का अधिकार

बंदी (कैदी) का अधिकार

भवन निर्माण का अधिकार

साइबर (इंटरनेट) सेवा का अधिकार