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भ्रष्ट शिक्षा विभाग से 17 साल बाद जीती लड़ाई

भ्रष्ट शिक्षा विभाग से 17 साल बाद जीती लड़ाई

सिद्धार्थ नगर (उत्तर प्रदेश)। भ्रष्टाचार के दीमक ने देश की प्रशासन व्यवस्था को इतना खोखला कर दिया है कि सरकारी विभागों में बिना रिश्वत कोई काम होना मुश्किल हो गया है। सिद्धार्थ नगर के एक बुजुर्ग शिक्षक को रिश्वतोखोरी की वजह से अपनी पेंशन पाने की लड़ाई 17 साल तक लड़नी पड़ी। हालांकि भारी मानसिक प्रताड़ना झेलने के बावजूद उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खण्डपीठ के आदेश के बाद अपना हक प्राप्त ही कर लिया।

वेद प्रकाश लाल श्रीवास्तव सिद्धार्थनगर जिले के शोहरतगड़ के शिवपति इंटर कालेज में 1971 में नागरिक शास्त्र विषय के प्रवक्ता के पद पर नियुक्त हुए थे। 2001 में 30 साल की सेवा के बाद 2001 में वह सेवानिवृत्त हो गए। वह पेंशन लेने के लिए शिक्षा विभाग, बस्ती पहुंचे तो उन्हें बताया गया कि सभी कागजात सही न भेजे जाने के की वजह से उनकी पेंशन कम बनाई गई है। जब इसके बारे में शिक्षा विभाग के कर्मचारी से पूछा तो उसने बताया कि रिश्वत न देने के कारण उनकी पेंशन कम बनाई गयी है। कर्मचारी की इस बात से हैरान वेद प्रकाश अगले चार सालों तक पेंशन ठीक कराने के लिए अधिकारियों के चक्कर लगाते रहे और शिक्षा निदेशक माध्यमिक, लखनऊ को भी पत्र लिखकर जानकारी दी। वहां से बस्ती कार्यालय को पेंशन ठीक करने का निर्देश भी मिला, लेकिन रिश्वतखोरी के आदी हो चुके कर्मचारियों ने निर्देश को अनदेखा कर दिया। इससे परेशान वेद प्रकाश ने 2005 में सिद्धार्थ नगर के उपभोक्ता फोरम में वाद दाखिल किया, वहां से भी पेंशन ठीक करने का आदेश दिया गया, लेकिन फिर कर्मचारियों के कान पर जूं तक नहीं रेंगी। इतना ही नहीं तत्कालीन शिक्षा मंत्री ने भी इस मामले में सुधार के निर्देश दिए, लेकिन फिर भी कर्मचारियों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा।

आखिरकर मंत्री से लेकर संतरी तक दौड़-भाग के बाद भी निराश वेद प्रकाश ने 2010 में उच्‍च न्यायालय की लखनऊ खंड पीठ में याचिका दाखिल की। उच्च न्यायालय ने तीन बार विभाग को निर्देश दिए, लेकिन विभाग ने बार-बार प्रार्थना पत्र निरस्त कर दिया। अंतत: 30 जुलाई 2018 को इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंड पीठ ने वेद प्रकाश के हक में फैसला सुनाते हुए आठ फीसद ब्याज के साथ अवशेष भुगतान करने का आदेश दिया। इस आदेश के बाद शिक्षा विभाग को उनका अधिकार देना पड़ा। 17 साल की लंबी लड़ाई के बाद अपनी इस जीत से खुश वेद प्रकाश लाल श्रीवास्तव का कहना है कि भ्रष्टाचार को कम करने के लिए भ्रष्टाचार के जिम्मेदार अधिकारियों व कर्मचारियों पर कार्रवाई भी होनी चाहिए। जब तक वे कार्रवाई से बचते रहेंगे, भ्रष्टाचार करते रहेंगे। इस जीत के बाद वह अब जिम्मेदारों पर कार्रवाई के लिए भी लड़ेंगे।

नागरिक का मौलिक कर्तव्य

(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें। 

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।

(ग) भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें। 

(घ) देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें। 

(ङ) भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।

(च) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। 

(छ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।

(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें । 

(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें। 

(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।

(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

आधार की प्राइवेसी को मजबूत बनाने के लिए UIDAI ने अब नया क्यूआर कोड (QR code) जारी किया है। जिसे 12 अंकों का आधार नंबर बताए बिना ऑफलाइन यूजर वेरिफिकेशन के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

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