Main Menu

10 रुपए का सिक्का न लेने पर दुकानदार को सजा

10 रुपए का सिक्का न लेने पर दुकानदार को सजा

मुरैना (मध्य प्रदेश)। एक दुकानदार को भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी किया गया दस रुपए का सिक्का लेने से मना करना मंहगा पड़ गया। मुरैना जिले की जौरा अदालत ने एक दुकानदार को ग्राहक से दस रुपए के सिक्के लेने मना करने का दोषी पाए जाने पर अदालत खत्म होने तक वहीं बने रहने और दो हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई। जबकि जिले के कलेक्टर ने आदेश दिया था कि कोई भी व्यक्ति दस रुपए के सिक्कों को लेने से इनकार नहीं कर सकता है। इसके बावजूद दुकानदार ने दस रुपए के सिक्के को लेने से मना कर दिया था।

आपको बता दें कि मुरैना जिले के जौरा कस्बे में बनियापार स्थित दुकानदार अरुण जैन की दुकान से ग्राहक आकाश ने दो रुमाल खरीदे। और उसने रुमाल की कीमत के एवज में दुकानदार को दस-दस रुपए के दो सिक्के दिए, लेकिन दुकानदार ने सिक्कों के चलन में न होने की बात कहकर वापस कर दिया। हालांकि आकाश ने उसे बताया कि जिले के कलेक्टर ने आदेश दिए हैं कि कोई भी व्यक्ति दस का सिक्का लेने से इनकार नहीं कर सकता है। इसके बावजूद दुकानदार अपनी बात पर अड़ा रहा और बहुत समझाने के बावजूद दस के सिक्कों को लेने से इनकार कर दिया। दुकानदार की इस मनमानी से परेशान आकाश जौरा के पुलिस थाने पहुंचे और दुकानदार के खिलाफ दस के सिक्के न लेने की शिकायत दर्ज करायी। पुलिस ने दुकानदार के खिलाफ कलेक्टर द्वारा सिक्के स्वीकार करने के संबंध में जारी आदेश का उल्लंघन कारने का मामला दर्ज कर दुकानदार को कर लिया और फिर मामले की जांच के बाद प्रकरण का चालान न्यायालय में पेश किया। जौरा के न्यायिक मजिस्ट्रेट जेपी चिडार ने इस मामले की सुनवाई करते हुए आरोपी दुकानदार अरुण जैन को आईपीसी की धारा 188 के तहत कलेक्टर के आदेश की अवहेलना करने का दोषी पाया और उसे अदालत उठने तक वहीं बने रहने की सजा तथा 200 रुपए जुर्माना भरने का आदेश दिया।

नागरिक का मौलिक कर्तव्य

(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें। 

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।

(ग) भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें। 

(घ) देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें। 

(ङ) भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।

(च) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। 

(छ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।

(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें । 

(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें। 

(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।

(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

आधार की प्राइवेसी को मजबूत बनाने के लिए UIDAI ने अब नया क्यूआर कोड (QR code) जारी किया है। जिसे 12 अंकों का आधार नंबर बताए बिना ऑफलाइन यूजर वेरिफिकेशन के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

दिव्यांग का अधिकार

बंदी (कैदी) का अधिकार

भवन निर्माण का अधिकार

साइबर (इंटरनेट) सेवा का अधिकार