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भ्रष्ट ग्राम प्रधान के खिलाफ जांच का आदेश: हाईकोर्ट

भ्रष्ट ग्राम प्रधान के खिलाफ जांच का आदेश: हाईकोर्ट

इलाहाबाद (उत्तर प्रदेश)। इलाहाबाद जिले की ग्राम पंचायत आनापुर में भ्रष्टाचार के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने आनापुर गांव की ग्राम प्रधान श्रीमती तारा देवी, ग्राम पंचायत अधिकारी और ग्राम विकास अधिकारी के खिलाफ करीब साढ़े चार लाख रुपए के भ्रष्टाचार के आरोप की अंतिम जांच के आदेश दिए हैं। 

आपको बता दें कि ग्राम पंचायत निवासी श्यामापति त्रिपाठी, विनीता त्रिपाठी समेत गांव के कई लोगों ने विकास खंड कौड़िहार की बीडीओ को लिखित शिकायत की थी कि आनापुर ग्राम पंचायत की प्रधान तारा देवी ने ग्राम विकास अधिकारी शेख कुतुबुद्दीन और ग्राम पंचायत अधिकारी अखिलेश सिंह की मिलीभगत से 4 लाख 31 हजार 5 सौ 44 रुपए का घोटाला किया है। मामले की शिकायत मिलने के बाद जिला पंचायत राज अधिकारी ने ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत अधिकारी और ग्राम विकास अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया। जिसके बाद आनापुर की ग्राम प्रधान तारा देवी ने विकास खंड कौड़िहार के माध्यम से जिला पंचायत राज अधिकारी को अपना स्पष्टीकरण पेश किया, लेकिन हैरानी की बात यह है कि इस स्पष्टीकरण में आरोपों के खिलाफ कोई सबूत नहीं पेश किया गया। जिससे यह साबित हो सके कि ग्राम प्रधान तारा देवी के ऊपर लगाए गए आरोप निराधार हैं।

वहीं ग्राम प्रधान के पुत्र पर भी आरोप है कि उसने इंदिरा आवास देने के एवज में गांव के लोगों से रिश्वत ली। ग्राम प्रधान पर आरोप है कि उसने दो रास्तों की इंटरलॉकिंग, एक नाले की खुदाई, 5 सोलर लाईट लगाने, एक रास्ते में खड़ंजा निर्माण और तालाब खुदाई में लाखों रुपए का गबन किया है। जब इस मामले की जांच की गयी तो सभी को वित्तीय अनियमितता का दोषी पाया गया ।

जिलाधिकारी ने मामले की जांच के लिए सहायक अभियंता, लघु सिंचाई, इलाहाबाद एवं तकनीकि मूल्यांकन के लिए अवर अभियंता, ग्रामीण अभियंत्रण विभाग, इलाहाबाद को नामित किया है और निर्देशित किया है कि वो ग्राम प्रधान के ऊपर लगाए गए आरोपों के आधार पर ग्राम प्रधान को नोटिस जारी करते हुए स्पष्टीकरण प्राप्त करें। और प्रकरण की जांच करके आख्या को दो महीने के अंदर पेश करें। इसके साथ ही खंड विकास अधिकारी कौड़िहार को निर्देशित किया है कि वो तत्काल ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत अधिकारी और ग्राम विकास अधिकारी आनापुर के खिलाफ संबंधित थाने में एफआईआर दर्ज कराएं और एफआईआर की कॉपी को जिला पंचायत राज अधिकारी के कार्यालय में पेश करें। 

इसके अलावा जिलाधिकारी ने ग्राम प्रधान के ऊपर लगे आरोपों को संज्ञान में लेते हुए श्रीमती तारा देवी, ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत आनापुर के वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकारों को प्रतिबंधित करते हुए प्रधान पद की वित्तीय एवं प्रशासनिक शक्तियों का प्रयोग करने के लिए तीन ग्राम पंचायत सदस्यों के नेतृत्व में एक संयुक्त समिति का गठन करने का आदेश दे दिया। ये समिति अब ग्राम पंचायत आनापुर की वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकारों का प्रयोग संयुक्त रुप से करेगी। वहीं जिलाधिकारी के इस फैसले के बाद तारा देवी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मामले पर सुनवाई के बाद एक महीने का स्थगन देते हुए वित्तीय गड़बड़ी की फिर से अंतिम जांच करने का आदेश दिया है। 

नागरिक का मौलिक कर्तव्य

(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें। 

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।

(ग) भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें। 

(घ) देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें। 

(ङ) भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।

(च) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। 

(छ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।

(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें । 

(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें। 

(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।

(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

आधार की प्राइवेसी को मजबूत बनाने के लिए UIDAI ने अब नया क्यूआर कोड (QR code) जारी किया है। जिसे 12 अंकों का आधार नंबर बताए बिना ऑफलाइन यूजर वेरिफिकेशन के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

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