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केजरीवाल सरकार नागरिक अधिकार में फेल

केजरीवाल सरकार नागरिक अधिकार में फेल

नई दिल्ली। दिल्ली में चुनाव के दौरान दिल्लीवासियों को भ्रष्टाचार मुक्त और ई-गवर्नेंस वाली व्यवस्था देने का वादा करने वाली आप सरकार बेनकाब हो गयी है। आप सरकार सिटिजन चार्टर के मुद्दे पर फिसड्डी ही साबित हुई है। आप सरकार ने नागरिक अधिकार संशोधन विधेयक तो पास करा दिया, लेकिन 22 मार्च 2014 से अभी तक सिटिजन चार्टर का पोर्टल तक अपडेट नहीं हुआ है। और न ही अधिकारियों के पास ही इसकी कोई नयी जानकारी है। पोर्टल अपडेट न होने की वजह से कितने विभागों या सेवाओं में सिटिजन चार्टर लागू है और कितनों में नहीं लागू है, इसके बारे में कुछ पता नहीं चलता है। 

वहीं सिटीजन चार्टर एक्ट को लेकर दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता बीजेपी के विजेंद्र गुप्ता ने आम आदमी पार्टी सरकार पर जमकर निशाना साधा। विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने आम नागरिक को समयबद्ध सेवाएं प्राप्त करने का अधिकार देने वाले सिटीजन चार्टर को जानबूझकर पूरी तरह से प्रभावहीन बना दिया है। उन्होंने कहा कि आगामी विधानसभा में विपक्ष सरकार के इस ढुलमुल रवैये का विरोध करेगा। इस स्कीम के जरिये विभागों को ई-गवर्नेन्स के माध्यम से नागरिकों को सेवाएं प्रदान करनी थी, परन्तु अधिकतर विभाग इस प्रकार की सेवाएं लागू करने में असफल रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कई विभागों द्वारा सिटीजन चार्टर ही नहीं लागू किया गया है। विजेंद्र गुप्ता ने मुख्यमंत्री केजरीवाल से मांग की है कि वे अविलम्ब यह सुनिश्चित करें कि सभी विभाग सिटीजन चार्टर को गंभीरता पूर्वक लागू करें। 

आपको बता दें कि आप सरकार ने 11 अगस्त 2017 को विधानसभा में समयबद्ध सेवा प्रदानार्थ नागरिक अधिकार संशोधन विधेयक भी पास कराया, किंतु उसका भी कोई सकारात्मक परिणाम सामने नहीं आया। इस विधेयक के पास होने के एक माह के भीतर सभी विभागों को अपने-अपने दायित्वों से संबंधित जानकारी देने वाले सिटिजन चार्टर को जनता में प्रचारित कर देना चाहिए था। लेकिन हकीकत यह है कि आज भी ऐसे अनेक विभाग हैं, जो इसे लागू करने में फिसड्डी साबित हुए हैं। विधेयक में सेवाएं मिलने में विलंब होने पर 10 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से और अधिकतम 200 रुपये क्षतिपूर्ति शुल्क के तौर पर देने का प्रावधान भी रखा गया था, लेकिन यह अधिकतम सीमा भी अभी तक जस की तस है। इस छोटी सी राशि को वसूल करने में भी दिल्लीवासियों को पापड़ बेलने का प्रावधान रख दिया गया है। यही वजह है कि अधिकारियों में क्षतिपूर्ति को लेकर कोई भय नहीं है। और अधिकारी सिटिजन चार्टर की समयबद्ध सेवा की जिम्मेदारी से किनारा किए हुए हैं।

नागरिक का मौलिक कर्तव्य

(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें। 

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।

(ग) भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें। 

(घ) देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें। 

(ङ) भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।

(च) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। 

(छ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।

(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें । 

(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें। 

(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।

(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

आधार की प्राइवेसी को मजबूत बनाने के लिए UIDAI ने अब नया क्यूआर कोड (QR code) जारी किया है। जिसे 12 अंकों का आधार नंबर बताए बिना ऑफलाइन यूजर वेरिफिकेशन के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

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