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अब बिजली कटी तो बिजली कंपनियों को देना होगा हर्जाना

अब बिजली कटी तो बिजली कंपनियों को देना होगा हर्जाना

नई दिल्ली। बिजली की कटौती से परेशान दिल्ली वालों के लिए राहत की खबर है। अब बिना बताए बिजली काटी तो बिजली कंपनियों को हर्जाना देना होगा। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, ‘इससे बिजली वितरण कंपनियों की जिम्मेदारी तय होगी। छह महीने बाद स्थिति की समीक्षा की जाएगी और यदि वे अपना इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं सुधारते हैं तो हर्जाने में लगने की समयावधि घटाई जा सकती है’। दिल्ली सरकार के निर्देशानुसार दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग (डीईआरसी) ने सोमवार को अपने नियमों में संशोधन लाया जो तत्काल प्रभाव से लागू है। इसके अनुसार यदि डिस्कॉम तय समय-सीमा में खराबी दुरुस्त नहीं कर पाती है या लोडशेडिंग की अवधि दो घंटे से ज्यादा होती है तो उन्हें हर्जाना देना होगा।

आपको बता दें कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बिजली विभाग के उस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जिसके अंतर्गत बिना किसी पूर्व सूचना के बिजली कटौती होने पर निजी बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) को उपभोक्ताओं को हर्जाना देना होगा। इस नीति को अंतिम मंजूरी के लिए दिल्ली सरकार ने उपराज्यपाल अनिल बैजल के पास भेज दिया है। सरकार का दावा है कि इससे बिजली कंपनियों को उपभोक्ताओं के प्रति जवाबदेह बनाया जा सकेगा। नीति के मुताबिक अघोषित बिजली कटौती होने पर डिस्कॉम को एक घटे के अंदर बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करनी होगी। ऐसा नहीं हुआ तो डिस्कॉम को पहले दो घटे की कटौती पर प्रत्येक उपभोक्ता को 50 रुपये प्रति घंटे के हिसाब से हर्जाना देना होगा। दो घंटे से अधिक की कटौती पर हर्जाना प्रति उपभोक्ता 100 रुपये प्रति घंटे के हिसाब से देना होगा। एक दिन में शुरुआती पहले घटे में कटौती की स्थिति डिस्कॉम को हर्जाने की छूट रहेगी। अगर उसी उपभोक्ता को उसी दिन आगे भी कटौती की समस्या का सामना करना पड़ता है तो डिस्कॉम को पूरी कटौती का हर्जाना देना पड़ेगा।

बिजली कटौती का सामना करने वाले उपभोक्ता को बिजली कटौती की शिकायत एसएमएस, ई-मेल, फोन, मोबाइल एप और वेबसाइट के जरिये अपने नाम, कंज्यूमर अकाउंट (सीए) नंबर, मोबाइल नंबर इत्यादि जानकारियों के साथ करनी होगी। बिजली कंपनियों को शिकायत स्वीकार करने के साथ ही उसे सुलझाने के दिन और समय की सूचना देनी होगी। एक निश्चित समयावधि में उपभोक्ता के सीए नंबर में हर्जाना अपने आप पहुंच जाएगा और इसकी सूचना भी उपभोक्ता को मिल जाएगी। हर्जाना बिजली बिल में अधिकतम 90 दिनों में समायोजित करना होगा और ऐसा न किए जाने की शिकायत होने पर हर्जाना पांच हजार रुपए या पांच गुना हो सकता है। 

अगर उपभोक्ता को बिजली वितरण कंपनी से हर्जाना स्वत: नहीं मिलता है तो वह दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग (डीईआरसी) या उपभोक्ता शिकायत निवारण फोरम के पास शिकायत कर सकता है। शिकायत सही पाए जाने पर डिस्कॉम को संबंधित उपभोक्ता को पांच हजार रुपये या हर्जाने की पाच गुना राशि अधिक देनी होगी। अगर अघोषित बिजली कटौती से उपभोक्ताओं का एक समूह प्रभावित होता है तो बिजली कंपनियों को ऐसे प्रभावित लोगों का अपने दस्तावेजों से पता लगाना होगा। ऐसे हर उपभोक्ता के सीए नंबर में निश्चित समयावधि के भीतर हर्जाना देना होगा।

नागरिक का मौलिक कर्तव्य

(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें। 

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।

(ग) भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें। 

(घ) देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें। 

(ङ) भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।

(च) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। 

(छ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।

(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें । 

(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें। 

(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।

(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

आधार की प्राइवेसी को मजबूत बनाने के लिए UIDAI ने अब नया क्यूआर कोड (QR code) जारी किया है। जिसे 12 अंकों का आधार नंबर बताए बिना ऑफलाइन यूजर वेरिफिकेशन के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

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