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छग में एससी/एसएसटी जाति प्रमाण पत्र कैसे बनावाएं

छग में एससी/एसएसटी जाति प्रमाण पत्र कैसे बनावाएं

छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए जाति प्रमाण पत्र बनवाने की कुछ शर्तें सरकार द्वारा निर्धारित की गयी हैं, जिसे पूरा करने के बाद जाति प्रमाण पत्र बनवाया जा सकता है। 

अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति प्रमाण पत्र 

प्रमाण पत्र के लिए योग्यता : 

  1. आवेदक छत्तीसगढ़ का नागरिक होना चाहिए
  2. वह या उसके माता पिता 1950 के बाद से छत्तीसगढ़ के स्थायी निवासी हों।
  3. जहां वह रह रहा है , वहां का सामान्य निवासी हो।
  4. आवेदक अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति वर्ग के अंतर्गत आता हो।
  5. आवेदक का कोई पहचान पत्र होना चाहिए। 

प्रमाण पत्र के लिए आवश्यक दस्तावेज़: 

  1. नागरिकता को साबित करने के लिए दस्तावेज।
  2. स्थाई निवास को साबित करने के लिए दस्तावेज।
  3. अस्थाई निवास को साबित करने के लिए दस्तावेज।
  4. अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति वर्ग की पहचान के लिए दस्तावेज।

निवास का प्रमाण के लिए दस्तावेज 

  1. अनैच्छिक प्रवजन का आदेश नहीं
  2. घर या भूमि का दस्तावेज़
  3. जन्म प्रमाण पत्र
  4. टेलीफोन बिल
  5. ड्राइविंग लाइसेंस
  6. पिता की नौकरी का प्रमाण-पत्र
  7. फोटो परिचय पत्र
  8. बिजली का बिल
  9. बी.पी.एल. प्रमाण पत्र
  10. मूल निवासी प्रमाण पत्र
  11. राशन कार्ड
  12. वार्ड सदस्य, स्थानीय विधायक / सांसद से प्रमाण पत्र
  13. मतदाता पहचान पत्र

जाति का प्रमाण के लिए दस्तावेज:

  1. अधिकार अभिलेख
  2. अन्य राज्य के अनुसूचित जाति / जनजाति प्रमाणपत्र
  3. असमर्थता / अनुपलब्धता का प्रमाण
  4. आवेदक को या उसके किसी परिवारजन को जारी जाति प्रमाण पत्र
  5. जन्म सूचना प्रपत्र
  6. जमाबंदी
  7. दाखिल / ख़ारिज पंजी
  8. पिता / अभिभावक की सेवा प्रमाण पत्र / पहचान पत्र
  9. प्राथमिक परीक्षा उत्तीर्ण प्रमाण-पत्र
  10. प्राथमिक शाला या जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा प्रमाणित प्राथमिक शाला द्वारा जारी स्थानान्तरण
  11. मिसल
  12. शैक्षणिक प्रमाण पत्र
  13. सरपंच / पार्षद / विधायक / सांसद से जाति प्रमाण-पत्र
  14. 1931 का जनगणना पंजी
  15. 1959 का नागरिक पंजी 

प्रमाण पत्र के लिए शुल्क :

  • रु. 30.00 

प्रमाण पत्र जारी होने की अनुमानित तिथि : 

समान्यतः आवेदन करने के 15 दिनों के उपरांत कोई भी प्रतिक्रिया दी जाएगी।

 

नागरिक का मौलिक कर्तव्य

(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें। 

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।

(ग) भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें। 

(घ) देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें। 

(ङ) भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।

(च) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। 

(छ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।

(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें । 

(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें। 

(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।

(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

बंदी (कैदी) का अधिकार