मोबाइल या कोई सामान चोरी होने पर जब आप पुलिस थाने जाते हैं तो पुलिस एफआईआर दर्ज करने की बजाय आपकी एनसीआर काट देती है। आइए जानते हैं कि एनसीआर क्या है-
- मोबाइल की झपटमारी या पर्स आदि गुम होने पर जब पीड़ित थाने जाता है, तो पुलिस एफआईआर के बजाय एनसीआर (नॉन कॉग्निजेबल रिपोर्ट) काट देती है।
- हालांकि ऐसे मामले में आपको तनिक भी लापरवाही नहीं करनी चाहिए। गायब हुए सामान के बारे में पुलिस को तुंरत सूचना देनी चाहिए।
- ऐसे मामलों में आमतौर पर पुलिस सीधे तौर पर एफआईआर नहीं करती है। यदि किसी का मोबाइल चोरी हुआ है या फिर किसी ने लूट लिया है तभी एफआईआर दर्ज होती है।
- लेकिन यदि मोबाइल कहीं खो जाए या फिर गुम हो जाए तो पुलिस एनसीआर काटती है।
- एनसीआर में पुलिस घटना के बारे में जिक्र करती है और उसकी एक कॉपी शिकायतकर्ता को दिया जाता है।
- इसके बाद अगर उक्त मोबाइल या फिर गायब हुए किसी दस्तावेज का कोई भी शख्स गलत इस्तेमाल करता है तो एनसीआर की कॉपी के आधार पर अपना बचाव किया जा सकता है।
- एनसीआर की कॉपी पुलिस अधिकारी कोर्ट को भेजता है। साथ ही मामले की छानबीन के बाद अगर कोई क्लू न मिले तो पुलिस अनट्रेसेबल का रिपोर्ट दाखिल करती है।
- लेकिन छानबीन के दौरान पुलिस अगर केस सुलझा ले और सामान की रिकवरी हो जाए तो एनसीआर की कॉपी के आधार पर वह सामान शिकायती को मिल सकता है।