मेडिकल लापरवाही पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला
- अस्पताल अपने यहां नियुक्त डॉक्टर और कर्मचारियों की लापरवाही के लिए जिम्मेदार होगा.
- बालक के माता-पिता उपभोक्ता की तरह मानसिक पीड़ा के लिए मुआवजे के अधिकारी होंगे।
- कोई भी परामर्शदाता अपने जूनियर को यदि बिना उनकी काबिलियत जाने अपने जिम्मदारी का प्रत्यायोजन करता है तो यह लापरवाही मानी जायेगी।
- मरीज के प्रश्नों के प्रति डॉक्टर तथा स्टाफ उत्तरदायी होगा।
- डॉक्टर दवाईयों के नाम पूरा तथा साफ तरीके से लिखेंगे ताकि मरीज को समझने में आसानी हो।
- मरीज को उसकी बीमारी एवं इलाज के बारे में पूरी जानकारी देगा ताकि डॉक्टर एवं मरीज के बीच का विश्वास बना रहे।
- मरीज अपने इलाज, खान-पान के संबंध में डॉक्टर द्वारा बताए गए निर्देशों का पालन करेगा।
- डॉक्टरी रिकॉर्ड में पारदर्शिता होनी चाहिए, उनकी उचित देखरेख होनी चाहिए तथा वह मरीज को उपलब्ध होने चाहिए।
- नर्सिंग स्टाफ प्रशिक्षित होना चाहिए तथा उन्हें मेडिकल की वर्तमान जानकारी होनी चाहिए।
- मरीजों के प्रति डॉक्टरों , नर्सों तथा अस्पताल के अन्य कर्मचारियों का नजरिया मानवीय होना चाहिए , लाभ प्राप्त करने वाले व्यवसाय की तरह नहीं होना चाहिए।