मरीज को सूचना लेने का अधिकार
- मरीज को डॉक्टर के बारे में पूरी जानकारी लेने का अधिकार है। जो भी स्वास्थ्य कर्मचारी एवं डॉक्टर उसके इलाज के लिए जिम्मेदार है, वह उसके बारे में सूचना ले सकता है ।
- मरीज को बताई गई एवं खरीदी गयी सभी दवाईयों के बारे में सूचना का अधिकार है। जिसमें दवाइयों की कीमत, सुरक्षा आदि की जानकारी लेना शामिल है।
- सभी दवाइयों पर कंपनी का लेबल होना चाहिए, उनको बनाने वाले कंपनी का नाम लिखा होना चाहिए, दवाई की मात्रा तथा खाने का समय भी अंकित होना चाहिए। इसके अतिरिक्त दवाई का उद्देश्य, संभव प्रभाव, खाने की सावधानी और यदि दवाई लेना मरीज भूल जाए या ज्यादा खा ले तो उससे संबंधित जानकारी होनी चाहिए ।
- यदि मरीज अस्पताल में है तो उसे ट्रांसफर करने या इलाज बदलने या फिर उसे छुट्टी देते समय उससे सलाह लेना आवश्यक है ।
- किसी भी मरीज का इलाज उसकी इच्छा के बिना नहीं किया जाएगा। नाबालिग मरीज की स्थिति में उसके माता-पिता या अभिभावक की इच्छा आवश्यक है। यदि मरीज इच्छा बताने में असक्षम है और इलाज में विलंब खतरनाक साबित हो सकता है तो डॉक्टर जरुरी इलाज या ऑपरेशन कर सकता है ।
- किसी दवा से संबंधित शोध कार्य करने से पहले मरीज की लिखित मंजूरी लेनी आवश्यक है। मरीज को सही तरीके से इस शोध कार्य के उद्देश्य, तरीके तथा इससे संबंधित नुकसान एवं फायदे बताए जाने चाहिए।
- मरीज को अपनी बीमारी, इलाज, स्थिति, पूर्वानुमान तथा अन्य सभी रिकॉर्डों को देखने का अधिकार है ।
मरीज को कानूनी अधिकार
- मरीज को उचित क्षतिपूर्ति प्रक्रिया अपनाने का अधिकार हासिल है।
- अस्पताल के डॉक्टर , स्टाफ या किसी अन्य बुरी प्रक्रिया के विरुद्ध मरीज को कानूनी सलाह लेने का अधिकार है ।
- मरीज को अस्पताल स्टाफ या डॉक्टर की लापरवाही , गैर इंतजामी, गलत प्रक्रिया अपनाए जाने के कारण हुई चोट, तकलीफ, बीमारी के विरुद्ध मुआवजा लेने का अधिकार है।
मरीज को शिकायत का अधिकार
- यदि किसी मरीज को हास्पिटल के इलाज, जांच या दवाईयों को लेकर कोई शिकायत है तो वह सबसे पहले संबंधित डॉक्टर और हॉस्पिटल प्रशासन से इसकी शिकायत कर सकता है। इसके अलावा हॉस्पिटल के शिकायत केंद्र में भी अपनी बात रखी जा सकती है।
- यदि मरीज को दवा को लेकर कोई शिकायत है तो लोकल फूड एंड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन में इसकी शिकायत कर सकता है।
- यदि लोकल फूड एंड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन के यहां भी मरीज की समस्या का समाधान न हो तो वह मेडिकल काउंसिल में शिकायत कर सकता है। काउंसिल मरीज को नुकसान की भरपाई या डॉक्टर को सजा तो नहीं दे सकती है, लेकिन संबंधित डॉक्टर का पंजीकरण रद्द कर सकती है। इसके लिए काउंसिल के रजिस्ट्रार को तय फॉर्मेट में शिकायत सौंपना होता है।
मरीज को भाग लेने का अधिकार
- मरीज के स्वास्थ्य से संबंधित किसी भी निर्णय में मरीज को भाग लेने का अधिकार है ।
- हर व्यक्ति को निवारक तथा रोक नाशक दवाइयों , अच्छा स्वास्थ्य एवं सुविधा की जानकारी लेने का अधिकार है।
मरीज को स्वच्छ वातावरण का अधिकार
- हर व्यक्ति को अपने अच्छे स्वास्थ्य के लिए स्वच्छ वातावरण का अधिकार है । इसमें शामिल है चिकित्सा केंद्र, अस्पताल के कमरे या वार्ड तथा अन्य चिकित्सा संबंधी सुविधाएं।