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डिप्टी कलेक्टर या उप जिला मजिस्ट्रेट कौन होते हैं

डिप्टी कलेक्टर या उप जिला मजिस्ट्रेट कौन होते हैं

भारतीय लोक प्रशासन में जिला प्रशासन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। जिसके शीर्ष पर कलेक्टर होता है, जबकि उसके अधीन तहसील (उपखंड) में डिप्टी कलेक्टर या उप जिला मजिस्ट्रेट होता है। राजस्व कानून के तहत, उसमें कलेक्टर की शक्तियों ही निहित होती है। आइए जानते हैं कि डिप्टी कलेक्टर या उप जिला मजिस्ट्रेट के क्या कार्य होते हैं। 

डिप्टी कलेक्टर या उप जिला मजिस्ट्रेट के कार्य:- 

  • राजस्व, मजिस्ट्रेट, कार्यकारी और विकास मामलों से संबंधित शक्तियों और जिम्मेदारियों को निभाना,
  • भू राजस्व संहिता के तहत अपीलें/निगरानी का कार्य करना,
  • पंचायत राज अधिनियम के अंतर्गत आने वाले सभी मामले का कार्य करना,
  • जिले से संबंधित समस्त राजस्व/नजूल के मामले का कार्य करना,
  • राजस्व, कृषि, पशुपालन और सार्वजनिक स्वास्थ्य विभागों में सभी अधिकारियों के काम का समन्वय करना, 
  • पुलिस के साथ संपर्क और समन्वय; विभिन्न समुदायों और वर्गों के बीच संबंधों पर नजर रखना,
  • पुलिस स्टेशन से अपराध से निपटने वाले किसी भी रिकॉर्ड और रजिस्टरों को मंगवाना और मामलों की व्याख्या करने के लिए पुलिस स्टेशन के स्टेशन ऑफिसर को फोन करना,
  • विधान सभा के चुनावों के लिए, अपने अधिकार क्षेत्र में निर्वाचन क्षेत्र / निर्वाचन क्षेत्रों के लिए रिटर्निंग अधिकारी नियुक्त होना,
  • लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों के चुनावों के लिए, सहायक रिटर्निंग अधिकारी नियुक्त होना,
  • सड़क दुर्घटना निधि सहायता स्वीकृत करने का कार्य करना,
  • वैध उत्तराधिकार संरक्षण प्रमाण पत्र जारी करना,
  • नगर भूमि सीमा के सक्षम प्राधिकारी के रुप में कार्य करना,
  • भू अभिलेख, डायवर्सन, भू प्रबंधन, नगर भूमि सीमा,शिकायत एवं सतर्कता, जनशिकायत निवारण, समाधान एक दिन, समाधान आनलाईन, लोकायुक्त एवं आर्थिक अपराध एवं अनुसंधान शाखाओं की नस्तियॉ संबंधित कार्य करना,
  • उद्यानिकी, जिला खाद्य, सहकारिता, जिला अल्प बचत/सूचना एवं प्राद्योगिकी का कार्य करना,
  • राज्य सुरक्षा अधिनियम के तहत मजिस्ट्रेट की शक्तियों का निर्वहन करना,
  • हिन्दू विवाह अधिनियम के तहत विवाह पंजीयन अधिकारी अधिनियम में प्रस्तुत प्रकरण का निवारण करना,
  • प्रेस एवं रजिस्ट्रेशन अधिनियम के तहत पंजीयन अधिकारी के रुप में कार्य करना,
  • जुलूस, रैली, प्रदर्शन लाउडस्पीकर की अनुमति का कार्य करना,
  • शहर यातायात का समस्त कार्य करना, 
  • सभी तरह के लायसेंसों का नवीनीकरण करना,
  • सैनिक कल्याण और खनिज शाखा से संबंधित कार्य करना,
  • दस हजार तक की वित्तीय सहायता देने का अधिकार  
  • वी आई पी आगमन पर व्यवस्था और वाहन अधिग्रहण संबंधी व्यवस्था करना,
  • सूखा राहत, जिला अल्प बचत ,जनसुनवाई शाखा, सूचना एवं प्रौद्योगिकी, महिला एवं बाल विकास, स्वास्थ्य शिक्षा, सर्वशिक्षा अभियान, आदिम जाति कल्याण, खेल एवं युवक कल्याण, शहरी विकास अभिकरण, उद्योग/ग्रामोद्योग और रोजगार विभाग का कार्य करना,
  • प्राकृतिक/दैवीय आपदा (बाढ़, अग्निकांड, भूकंप, भूस्खलन, शीतलहरों, बादल फटने, ओलावृष्टि, अतिवृष्टि, विद्युत प्रभाव, लू-प्रकोप, हिम स्खलन, कीट आकृमण) आदि से प्रभावित व्यक्तियों को सहायता उपलब्ध करवाना,
  • भू अर्जन अधिकारी, भाड़ा नियंत्रण अधिकारी और लोक परिसर बेदखली अधिनियम के तहत सक्षम प्राधिकारी के रुप में कार्य करना,
  • क्षेत्र का भाड़ा नियंत्रण, रजिस्ट्रार पब्लिक ट्रस्ट, भूअर्जन और लोक परिसर बेदखली अधिनियम के तहत सक्षम प्राधिकारी के रुप में कार्य करना।
  • आपराधिक प्रक्रिया संहिता 1973 और कई अन्य नाबालिग कृत्यों के अंतर्गत विभिन्न मजिस्ट्रेट का कार्य करना।

 

नागरिक का मौलिक कर्तव्य

(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें। 

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।

(ग) भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें। 

(घ) देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें। 

(ङ) भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।

(च) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। 

(छ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।

(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें । 

(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें। 

(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।

(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

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