भारतीय लोक प्रशासन में जिला कलेक्टर या जिला मजिस्ट्रेट की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। वह जिले का मुख्य कार्यकारी, प्रशासनिक और राजस्व अधिकारी होने के साथ ही कल्याण और नियोजित विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके अलावा जिले में कार्य कर रहीं विभिन्न सरकारी एजेंसियों के मध्य समन्वय स्थापित करने के चलते वह 'जिला प्रबंधक' की भी भूमिका निभाता है। आइए जानते हैं कि जिला कलेक्टर या जिला मजिस्ट्रेट की भूमिका क्या है। -
जिला कलेक्टर के रुप में भूमिका:-
- जिला कलेक्टर की भूमिका जिले का प्रशासन चलाना,
- जिले में समस्त सरकारी गतिविधियों के समन्वयक के रुप में काम करना,
- सरकार के प्रतिनिधि के रुप में जन संपर्क की दिशा में कार्य करना,
- जिले के राजस्व प्रशासक एवं भूमि रिकॉर्ड प्रशासन के रुप में काम करना,
- जिला आपदा प्रबंधक समिति के मुखिया के रुप में काम करना,
- जिला कोषालय के पर्यवेक्षक के रुप में कार्य करना,
- जिले की भूमि का मूल्यांकन करना,
- जिले की भूमि का अधिग्रहण करना,
- जिले के भूमि राजस्व का संग्रहण करना,
- जिले के भूमि रिकार्डों का रख-रखाव करना,
- जिले के भूमि सुधार व जोतों का एकीकरण करना,
- जिले के आयकर, उत्पाद शुल्क, सिंचाई के बकाए को वसूलना,
- जिले के कृषि ऋण का वितरण करना,
- जिले में बाढ़, सूखा और महामारी जैसी प्राकृतिक आपदाओं के समय आपदा प्रबंधन करना,
- जिले में बाह्य आक्रमण और दंगों के समय संकट प्रबंधन करना,
- जिला बैंकर समन्वय समिति का अध्यक्षता करना,
- जिला योजना केंद्र की अध्यक्षता करना,
जिला मजिस्ट्रेट के रुप में भूमिका:-
- जिले की कानून व्यवस्था की स्थापना करना,
- जिले में पुलिस और जेलों का निरीक्षण करना,
- जिले के अधीनस्थ कार्यकारी मजिस्ट्रेटों का निरीक्षण करना
- अपराध प्रक्रिया संहिता के निवारक खंड से सम्बंधित मुकदमों की सुनवाई करना,
- मृत्यु दंड के कार्यान्वयन को प्रमाणित करना,
- सरकार को वार्षिक अपराध प्रतिवेदन प्रस्तुत करना,
- जिले के सभी मुद्दों से मंडल आयुक्त को अवगत कराना,
- मंडल आयुक्त की अनुपस्थिति में जिला विकास प्राधिकरण के पदेन अध्यक्ष के रूप में कार्य करना,
जिला मुख्य प्रोटोकोल अधिकारी के रुप में भूमिका:-
- जिले में प्रोटोकाल कार्यों के संचालन हेतु भूमिका निभाना,
- जिले की जनगणना के कार्य को संपन्न कराना,
- जिले में रोजमर्रा की जरुरत की वस्तुओं की आपूर्ति और वितरण पर निगरानी रखना,
- जिले की स्थानीय जनता की समस्याओं को सुनना और उनके निवारण हेतु आवश्यक कदम उठाना,
- जिले के युवा सरकारी अधिकारियों की गतिविधियों का निरीक्षण करना और उनके प्रशिक्षण की व्यवस्था करना,
जिला मुख्य विकास अधिकारी के रुप में भू्मिका क्या है:-
- जिले में कल्याण कार्यक्रमों को लागू करने में अपनी भूमिका निभाना,
- जिले में सार्वजनिक वितरण प्रणाली को सुव्यवस्थित रुप से चलाने में भूमिका निभाना,
- जिले के सभी विकास कार्यक्रमों व योजनाओं को लागू करना,
- जिले में लोकतांत्रिक विकेंद्रीकरण की नीति को प्रभाव में लाना,
- जिले में राज्य के मध्यस्थ अधिकारी की भूमिका निभाना,
- जिले के अनुसूचित जाति एवं जनजाति और दिव्यांगों की छात्रवृत्ति वितरण के मामलों को देखना,
- जिले में कार्यरत स्वंसेवी संस्थाओं से सहयोग लेने की दिशा में कार्य करना,
जिला निर्वाचन अधिकारी के रुप में भूमिका:-
- जिला निर्वाचन अधिकारी के रुप में कार्य करना,
- जिले में सभी तरह के निर्वाचन कार्यों को सम्पन्न कराना,
- जिले में होने वाले चुनावों का नियंत्रण व निरीक्षण करना,