भारतीय लोक प्रशासन में तहसीलदार जिले की प्रशासकीय ढांचे का महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं। यह तहसील (उपखंड) के मुख्य राजस्व प्रभारी के तौर पर कार्य करते हैं। तहसीदार राज्य सरकार के द्वितीय श्रेणी के राजपत्रित अधिकारी होते हैं। आइए जानते हैं कि तहसीलदार के कार्य क्या हैं:-
- तहसीलदार का कार्य राजपत्रित अधिकारी के रूप में प्रमाण पत्र जारी करना,
- वृद्धावस्था/विकलांग/विधवा पेंशन, जाति प्रमाण-पत्र/मूल निवास प्रमाण-पत्र/हैसियत प्रमाण-पत्र प्रदान करना,
- भूमि राजस्व, नहर राजस्व, उपकर एवं अन्य सरकारी देय राशि को एकत्रित करना,
- जमाबंदी का राजस्व एवं ग्राम सभा के आसामियों की जमाबंदी की तैयारी पर पर नजर रखना,
- भू राजस्व को फिर से लगाना, या उसकी फिर से संरचना करना,
- ग्राम सभा या राज्य सरकार से संबंधित मुकदमे या कार्यवाहियों की देखरेख करना,
- तहसीलदार के प्रभार में रखे गए सभी सरकारी धन और संपत्ति की सुरक्षा की जिम्मेदारी का निर्वहन करना,
- ग्राम सभा या राज्य सरकार से संबंधित मुकदमे या कार्यवाहियों की देखरेख करना,
- भूमि रिकॉर्ड के नियमों के अनुसार भूमि रिकॉर्ड के काम की निगरानी एवं परीक्षण करना,
- ग्रामीण क्षेत्रों में आवासीय/औद्योगिक प्रयोजन के लिए भूमि का रूपान्तरण करना,
- राजस्व रिकॉर्ड और फसल आंकड़ों का निर्माण करना,
- मौसमी स्थितियों और फसलों की स्थिति का निरीक्षण करने के लिए किसानों की कठिनाइयों को सुनना,
- प्राकृतिक आपदाओं का सामना करने वाले लोगों को राहत प्रदान करना,
- तकावी ऋण वितरित करने के लिए बड़े पैमाने पर क्षेत्रों का दौरा करना,
- बैंको आदि से ऋण प्राप्त करने हेतु अदेय प्रमाण-पत्र जारी करना
- रास्तों के वादों के निस्तारण का कार्य करना,
- खेतों से हरे वृक्ष उन्हे काटने की अनुमति देना,
- खेत के सीमांकन/सर्वेक्षण के लिए संबंधित पटवारी को आदेश देना,
- कानूनगो एवं लेखपाल द्वारा किए गए कार्यों का निरीक्षण करना,
- किरायेदारी के विवादों, किरायेदारों के किराए के निकास के बकाया, खाता पुस्तकों में प्रविष्टियों इत्यादि का निपटारा करना,
- तहसील में होने वाले सभी प्रकार के सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक गतिविधियों को ठीक से क्रियान्वित करने के लिए जिलाधिकारी एवं अनुविभागीय अधिकारी के संपर्क में रहना,
- तहसीलदार जिलाधिकारी एवं उप जिलाधिकारी (एसडीएम) के दिशा निर्देशन में राजस्व, सामान्य प्रशासन, कृषि विभाग, कानून व्यवस्था एवं अपराध से जुड़े मामलों पर एक कार्यकारी अधिकारी के तौर पर कार्य करना।