पूर्वी चंपारण (बिहार)। पटना के निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की टीम ने सिकरहना अनुमंडल कार्यालय में एसडीओ और कर्मचारियों के बीच चल रहे रिश्वतोखोरी के रैकेट का पर्दाफाश किया है। टीम ने कार्यालय के नाजिर सह पेशकार विनय कुमार सिंह को पच्चीस हजार रुपए रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किया है। शिकायतकर्ता का कहना है कि उसने एसडीएम के कहने पर जमीन के केस को खत्म करने के लिए विनय कुमार सिंह को रिश्वत दी ।
पूर्वी चंपारन के विनय चिरैया थाना के माधोपुर गांव निवासी सिद्दिकी अहमद का कहना है कि वह मोतीहारी के सिकरहना अनुमंडल कोर्ट में जमीन विवाद के एक मामले को खारिज करने के लिए एसडीओ से मिले थे। इसके लिए उन्होंने नाजिर सह पेशकार विनय कुमार सिंह मिलने के लिए कहा था। इस मुलाकात के दौरान नाजिर ने 25 हजार रूपये में मामले को खारिज कराने का भरोसा दिलाया था और कार्यालय के सहायक शहाबुद्दीन को राशि देने को कहा था। सिद्दिकी अहमद ने इस मामले की शिकायत 1 अगस्त 2019 को पटना के निगरानी अन्वेषण ब्यूरो में दर्ज कराई थी।
वहीं निगरानी टीम के डीएसपी गोपाल पासवान ने बताया कि शिकायतकर्ता के आवेदन में कहा गया था कि जमीन के केस को लेकर वह एसडीओ साहब से मिले थे तो उन्होंने केस को खारिज करने के लिए रिश्वत देने की बात कही थी। और कहा था कि रकम मिलने के बाद उसका काम करा दिया जाएगा। निगरानी टीम के मणिकांत सिंह ने 05 अगस्त को शिकायत का सत्यापन किया। और तय योजना के मुताबिक टीम मोतीहारी के सिकरहना अनुमंडल कार्यालय बुधवार को पहुंची, लेकिन उस समय शहाबुद्दीन कार्यालय में नहीं था। जिसके बाद नाजिर सह पेशकार विनय कुमार सिंह ने स्वयं तय राशि 25 हजार रुपये ले ली। इस दौरान मौके पर मौजूद निगरानी की टीम ने उन्हें रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ लिया। अब आरोपी को पूछताछ के बाद आगे की कार्रवाई के लिए मुजफ्फरपुर स्थित निगरानी की एक अदालत में पेश किया जायेगा। डीएसपी गोपाल पासवान ने बताया कि रिश्वत के इस मामले में एसडीओ और सहायक कर्मचारी शहाबुद्दीन का भी नाम सामने आया है। अब आगे इस मामले की भी जांच की जाएगी। लेकिन हैरानी की बात यह है कि समय-समय पर निगरानी टीम द्वारा घूसखोर पदाधिकारियों के विरुद्ध की जा रही कार्रवाई के बावजूद जिले में भ्रष्टाचार नहीं थम रहा है।