गुना (मध्य प्रदेश)। सरकार के तमाम दावों के बावजूद अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच भ्रष्टाचार का गठजोड़ खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा मामला गुना जिले के चांचौड़ा कस्बे में सामने आया है, जहां ग्वालियर की लोकायुक्त पुलिस की टीम ने गुरुवार को एक पटवारी को 25 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए पकड़ा। पटवारी पर आरोप है कि वह एक प्लॉट का नामांतरण कराने के बदले रिश्वत की मांग कर रहा था। वहीं पटवारी का कहना है कि वह तहसीलदार बजरंग बहादुर सिंह को देने के लिए यह राशि ले रहा था। पुलिस ने आरोपी पटवारी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।
गुना जिले के चांचौड़ा कस्बे के निवासी विनय भदौरिया ने ग्वालियर की लोकायुक्त पुलिस से 23 जुलाई को शिकायत की थी। पुलिस से शिकायत में इन्होंने बताया था कि चांचौड़ा में उन्होंने एक प्लॉट खरीदा था, उसके नामांतरण का प्रकरण चांचौड़ा तहसीलदार बजरंगबहादुर सिंह की न्यायालय में चल रहा है। 26 जुलाई को न्यायालय में इसकी सुनवाई होनी है। चांचौड़ा के हल्का नंबर 12 में पदस्थ पटवारी शिवप्रताप सिंह ने उसी प्लॉट का नामांतरण तहसीलदार से करवाने के लिए 25 हजार रुपए की मांग की थी। इस बातचीत को आवेदक विनय भदौरिया ने रिकॉर्ड कर लिया।
इस मामले की शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने पटवारी को रंगेहाथ पकड़ने के लिए जाल बिछाया और विनय भदौरिया को चांचौड़ा कस्बे में किराए के मकान में रहने वाले पटवारी शिवप्रताप सिंह को रिश्वत देने के लिए भेजा। तय योजना के अनुसार जैसे ही पटवारी शिव प्रताप सिंह विनय भदौरिया की कार में आकर बैठा और 25 हजार रुपए लेने लगा वैसे ही मौके पर मौजूद लोकायुक्त पुलिस की टीम ने उसको पकड़ लिया। लोकायुक्त टीआई कविंद्र सिंह चौहान का कहना है कि पटवारी ने तहसीलदार को देने के लिए रिश्वत ली थी। प्रकरण की जांच में साक्ष्य सामने आने पर तहसीलदार को भी आरोपित बनाया जाएगा। और नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।