ऊना (हिमाचल प्रदेश) । मैहतपुर कस्बे में विजिलेंस की टीम ने आरटीओ को दस लाख रुपए की रिश्वत देते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया है । आरटीओ रिश्वतखोरी के आरोप में हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत पर था। और वह अपने खिलाफ जारी रिश्वतखोरी के आरोप की जांच को रफा दफा करने के लिए विजिलेंस की टीम को रिश्वत देने जा रहा था। अब विजिलेंस की टीम आरटीओ को ऊना की अदालत में पेश करेगी ।
गौरतलब है कि ऊना के आरटीओ कार्यालय में अतिरिक्त कार्यभार संभाल रहे नालागढ़ के आरटीओ ओमप्रकाश पुरी के कार्यालय में रिश्वत लेते हुए 28 फरवरी को पांच वीडियो वायरल हुए थे। वहीं विजिलेंस विभाग ने बिना शिकायत मिले अपने स्तर पर इस मामले में मामला दर्ज करके कार्रवाई शुरु कर दी थी। इन वीडियोज में जो लोग दिखाई दे रहे थे, विजिलेंस ने उन सभी को थाने में तलब किया। छह लोगों से पूछताछ हुई। इनमें चार एजेंट और दो आरटीओ दफ्तर के कर्मचारी थे। जब विजिलेंस की टीम ने इस मामले की गहन जांच पड़ताल शुरु की तो आरटीओ ओमप्रकाश पुरी भूमिगत हो गए । और हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत ले ली। विजिलेंस टीम ने जब ऊना के बाद नालागढ़ में जाकर इस अधिकारी की जांच को आगे बढ़ाया तो कई तरह के अहम खुलासे हुए। उसके बाद टीम ने आरटीओ की आय से अधिक संपत्ति के मामले की भी जांच भी शुरु कर दी। इस जांच से घबड़ाए ओम प्रकाश पुरी ने अपने खिलाफ दर्ज मामले की जांच को हल्का करने तथा उसके विरुद्ध आय से अधिक संपत्ति का मामला की जांच न करने के लिए विजिलेंस टीम को रिश्वत 10 लाख रुपए रिश्वत देने की पेशकश की। जिसके बाद ओमप्रकाश को रिश्वत देते हुए रंगेहाथ पकड़ने के लिए विजिलेंस के एडिशनल एसपी सागर चंद ने 10 लाख रुपए रिश्वत लेने पर सहमति जता दी। मंगलवार को मैहतपुर में सुबह दस लाख रुपए देना तय हुआ। मैहतपुर प्रवेश द्वार पर ही स्वतंत्र गवाहों की मौजूदगी में जैसे ही ओमप्रकाश कार में पहुंचा और विजिलेंस ऊना की टीम को दस लाख रुपए दिए, वैसे ही टीम ने ओम प्रकाश पुरी को भ्रष्टाचार रोधक एक्ट की धारा 8 और 12 के तहत मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया। ऊना के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सागर चंद्र शर्मा का कहना है कि अब आरोपी आरटीओ को ऊना की अदालत में पेश किया जाएगा ।