जयपुर (राजस्थान) । कोटा में अफीम का पट्टा जारी करने के बदले एक लाख रूपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार नारकोटिक्स विभाग का उप आयुक्त सहीराम मीणा अरबों की सम्पति का मालिक निकला है । राज्य भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की अब तक की जांच में उसके एवं परिजनों के नाम से करीब 400 करोड़ रूपए की सम्पति और नकदी होने की बात सामने आई है । अकूत काली कमाई सामने आने के बाद अब आयकर विभाग ने भी इसकी जांच शुरू कर दी है। राज्य के इतिहास में यह सबसे बड़ी एसीबी की कार्रवाई मानी जा रही है ।
आपको बता दें कि सहीराम मीणा 1989 बैच का आईआरएस अधिकारी है। जो सवाई माधोपुर जिले के जीबली गांव निवासी है। एसीबी की पूछताछ में सहीराम मीणा के पास 400 करोड़ रूपए की सम्पति होने का खुलासा हुआ है। एसीबी ने सोमवार को जब सहीराम मीणा के 15 बैंक खातों और लॉकरों को खोला तो अधिकारी चकित रह गए । इन लॉकरों में नकदी और ज्वलैरी के साथ ही हीरे भी मिले हैं । जबकि मीणा के कोटा और जयपुर स्थित आवास से करीब 7 करोड़ रूपए नकद रुपए बरामद किए गए हैं। एसीबी की अब तक की जांच में सहीराम मीणा, उसकी पत्नी और बेटा 106 आवासीय प्लॉट, एक मैरिज गार्डन, 25 दुकानें, दो इंडस्ट्रीयल प्लॉट, एक पेट्रोल पंप, मुम्बई और दिल्ली में एक-एक फ्लैट, सात बीघा कृषि भूमि, एक फार्म हाउस, चार ट्रक, एक टायर फर्म और एक एजुकेशन संस्थान के मालिक हैं । इतना ही नहीं एसीबी अधिकारियों का कहना है कि मीणा ने गांव के कुछ गरीब लोगों के नाम से भी रणथम्भौर सेंचूरी के आसपास जमीनें खरीद रखी हैं ।
एसीबी की पूछताछ में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि सहीराम मीणा दौसा संसदीय सीट से चुनाव लड़ना चाहता था, उसने विधानसभा चुनाव 2018 में गंगापुरसिटी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की पूरी तैयारी कर ली थी, लेकिन वीआरएस का आवेदन मंजूर नहीं होने के कारण वह चुनाव नहीं लड़ सका। सहीराम मीणा के दो रिश्तेदार भाजपा के बड़े नेता हैं और एक रिश्तेदार कांग्रेस में है । जबकि सहीराम मीणा की बेटी सोनिका आईएएस अधिकारी है, जो उत्तराखंड के टिहरी जिले में कलेक्टर के पद पर तैनात है । सहीराम मीणा ने विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और भाजपा के कई प्रत्याशियों को फंड भी दिया था । वहीं पूछताछ के दौरान सीने में दर्द और बेचैनी की शिकायत के बाद मीणा को कोटा के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया । जहां से जांच के बाद सहीराम मीणा और उसके दलाल कमलेश को एसीबी की विशेष कोर्ट के मजिस्ट्रेट के घर में पेश किया गया। मजिस्ट्रेट ने मामले की सुनवाई के बाद सहीराम मीणा और दलाल कमलेश को रिमांड पर भेज दिया गया ।