अंबाला (हरियाणा)। हरियाणा सरकार के भ्रष्टाचार विरोधी आदेश से प्रदेश के शिक्षक सकते में आ गए हैं। शिक्षा निदेशालय ने अपने आदेश में कहा है कि प्रदेश के सभी शिक्षक शिक्षा विभाग को अपनी संपत्ति का ब्योरा 30 जून तक दे दें। अब संपत्ति का ब्यौरा देने के बाद ही उनका जून माह का वेतन जारी किया जाएगा। शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी किए संपत्ति की जानकारी मांगी है। जबकि सभी शिक्षकों और शिक्षा विभाग के अधिकारियों को अपनी संपत्ति का ब्योरा 15 जून देना था, लेकिन किसी ने जानकारी नहीं दी। वहीं हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष सत्य नारायण ने कहा कि सरकार ने शिक्षकों से गलत जानकारी मांगी है। आम चीजें हर घर में होती हैं। इसमें स्थायी भूमि के सारे हित, स्वामित्व, पैतृक तौर पर प्राप्त जमीन की जानकारी के अलावा नगद, जेवर, डिपॉजिट, इंश्योरेंस पॉलिसी, शेयर, सिक्योरिटी, लॉन और एडवांस सहित मोटरसाइकिल, गाड़ियां, घोड़े, रेफ्रिजरेटर व रेडियो सहित अन्य इलेक्ट्रानिक सामान जैसे फ्रिज, कूलर व एसी आदि शामिल हैं। इन सभी चीजों की भी जानकारी मांगी गई है। अध्यापक संघ इसका विरोध करती है।
शिक्षकों को संपत्ति का ब्यौरा देने के लिए निदेशालय ने दो पेज का चल और अचल संपत्ति के लिए अलग-अलग प्रपत्र भी जारी किया है। शिक्षकों को निर्धारित कालम को भरते हुए पूरी जानकारी देनी होगी। वहीं इस आदेश से सहमे शिक्षक अपनी प्रॉपर्टी के कागजातों को खंगालने में जुटे हुए हैं। इस फार्म में स्थायी भूमि के सारे हित, स्वामित्व, पैतृक तौर पर प्राप्त जमीन की जानकारी के अलावा कैश, ज्वेलरी, डिपॉजिट, इंश्योरेंस पॉलिसी, शेयर, सिक्योरिटी, लॉन और एडवांस सहित कितनी मोटरसाइकिल, गाड़ियां, घोड़े, रेफ्रिजरेटर व रेडियोग्राम सहित अन्य क्या क्या इलेक्ट्रानिक सामान जैसे फ्रिज, कूलर व एसी उनके नाम है इसकी भी जानकारी मांगी गई है। प्रदेश के स्कूलों में करीब 2.70 लाख का शिक्षक स्टाफ है।
आपको बता दें कि फर्स्ट, सेकेंड व थर्ड रैंक के टीचर्स को संपत्ति का ब्योरा देने का नियम प्रदेश सरकार ने दिसंबर 2015 में बनाया था, अधिकतर ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। नियम के अनुसार टीचर्स को अपनी सालाना प्रॉपर्टी रिटर्न भरना होता है, शिक्षकों ने 2015 के बाद से प्रॉपर्टी का रिटर्न नहीं भरा। इसीलिए निदेशालय ने उनका जून का वेतन रोकते हुए प्रॉपर्टी की जानकारी मांगी है। शिक्षा निदेशालय के आदेश के अनुसार फर्स्ट, सेकेंड व थर्ड रैंक के शिक्षकों को 30 जून तक निदेशालय को जानकारी देनी होगी। फर्स्ट रैंक में डीईओ, डीईईओ व डाइट प्रिंसिपल आते हैं। सेकेंड रैंक में प्रिंसिपल, डिप्टी डीईओ, लेक्चरर, हेडमास्टर व बीईओ और थर्ड रैंक में जेबीटी व पीजीटी आते हैं।