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प्रतियोगी अभ्यर्थियों को फ्री में रोडवेज बस यात्रा

प्रतियोगी अभ्यर्थियों को फ्री में रोडवेज बस यात्रा

जयपुर (राजस्थान)। वसुंधरा राजे सरकार ने प्रतियोगी परीक्षाओं एवं साक्षात्कार में भाग लेने वाले अभ्यार्थियों के लिए रोडवेज बसों में नि:शुल्क यात्रा का तोहफा दिया है। अब राजस्थान राज्य पथ निगम यूपीएससी, आरपीएससी और आरएसएमएसएसबी की ओर से आयोजित प्रतियोगी परीक्षाओं के साक्षात्कार के लिए जाने वाले मूल निवासी प्रतियोगियों को साधारण व एक्सप्रेस बसों में नि:शुल्क यात्रा की सुविधा मिलेगी। राजस्थान पथ परिवहन निगम के अध्यक्ष राजहंस उपाध्याय ने गुरूवार को इस संबंध में आदेश जारी किया। 

इस सुविधा को लेने के लिए यूपीएससी, आरपीएससी और आरएसएमएसएसबी की ओर से आयोजित प्रतियोगी परीक्षाओं के साक्षात्कार में शामिल होने वाले प्रतियोगियों को बुकिंग काउंटर और परिचालक को परीक्षा प्रवेश पत्र, एवं राजस्थान का मूल निवासी होने का प्रमाण पत्र दिखाना होगा। इसके बाद परिचालक नि:शुल्क टिकट जारी कर प्रतियोगी को साक्षात्कार पत्र में वर्णित स्थान से साक्षात्कार के स्थान तक आने-जाने की नि:शुल्क प्रदान करेगा। प्रतियोगियों को यह सुविधा केवल साधारण और द्रुतगामी बसों में ही दी जाएगी। डीलक्स और वातानुकूलित बसों में यह सुविधा देय नहीं होगी। उल्लेखनीय है कि वसुंधरा राजे सरकार ने इससे पहले वृद्धजनों के लिए नि:शुल्क यात्रा की सुविधा प्रदान की थी ।  हालांकि माना जा रहा है कि वसुंधरा सरकार ने आगामी चुनाव को देखते हुए युवा मतदाताओं को लुभाने के लिए यह कदम उठाया है।

 

नागरिक का मौलिक कर्तव्य

(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें। 

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।

(ग) भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें। 

(घ) देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें। 

(ङ) भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।

(च) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। 

(छ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।

(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें । 

(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें। 

(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।

(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

बंदी (कैदी) का अधिकार