बलिया (उत्तर प्रदेश)। प्रदेश में अस्पताल प्रशासन की संवेदनहीनता थमने का नाम नहीं ले रही है। ताजा मामला बलिया के गड़वार इलाके का है, जहां 60 वर्षीय बुजुर्ग लीलावती की गुरूवार को 108 एम्बुलेंस न पहुंचने के चलते मौत हो गई। मृतक महिला के दामाद का आरोप है कि गुरूवार की सुबह अचानक बुजुर्ग लीलावती की तबियत ख़राब हो गई। जिसके बाद उसने अस्पताल ले जाने के लिए 108 एम्बुलेंस सेवा को कॉल किया, लेकिन कई घंटे इंतजार करने पर एंबुलेंस नहीं आयी। वो लोग आनन-फानन में परिजन बुजुर्ग महिला को ठेले पर लेकर अस्पताल पहुंचे। लेकिन अस्पताल में डाक्टर ही नहीं मौजूद थे। ऐसे में इलाज के अभाव में लीलावती की मौत हो गयी।
बताया जा रहा है कि बलिया जिले के थाना क्षेत्र गड़वार अंतर्गत गोविंदपुर की रहने वाली लीलावती को अचानक सुबह अचानक पेट मे दर्द होने लगा, तो लीलावती की बेटी और दामाद ने 108 पर एम्बुलेंस के लिए छह से सात बार फोन किया। बड़ी मुश्किल से एंबुलेंस चालक ने फोन उठाया और उसने कहा कि वह आ रहा है, लेकिन तीन घंटे इंतजार के बाद भी वह जब एम्बुलेंस लेकर नहीं पहुचा, तो दामाद मनोज दर्द से कराह रही अपनी सास को ठेला पर लादकर छह किलोमीटर दूर सरकारी हॉस्पिटल पहुंचा। लेकिन वहां पर कोई डाक्टर मौजूद नहीं था। हालांकि अस्पताल में मौजूद एक वार्ड बॉय ने चेक किया तो पता चला कि इनकी तो मौत हो चुकी है।
वहीं हमेशा की तरह बलिया जिले के मुख्य चिकित्साधिकारी एसपी राय ने बयान दिया कि बुजुर्ग महिला की मौत का मामला गंभीर हैं। हमने मामले की जांच करने के निर्देश दे दिये हैं। इस मामले में दोषी डॉक्टर और एम्बुलेंस को अटेंड करने वाले ड्राइवर के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अब देखना ये है कि दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई होती है या फिर हमेशा की तरह इस मामले को भी जांच के नाम पर ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा।