लखनऊ (उत्तर प्रदेश)। प्रदेश में हर दिन आम आदमी भ्रष्ट अधिकारियों की बेइमानी और मनमानी का शिकार होता है, लेकिन भला उसकी कौन सुनने वाला है, लेकिन इस बार इनका शिकार गाजियाबाद की लोनी विधानसभा सीट से भाजपा विधायक नंद किशोर गुर्जर हो गए । उन्होंने विधानसभा में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाते हुए जिले के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई और कमीशनखोरी के खिलाफ जांच की मांग की है।
आपको बता दें, मंगलवार को विधानसभा की कार्यवाही के दौरान गाजियाबाद के लोनी से विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने सप्लाई इंस्पेक्टर के द्वारा अपने परिवार के उत्पीड़न का मामला उठाने की कोशिश की, लेकिन संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना की तरफ से उन्हें रोक दिया गया। इसके बाद गुर्जर के समर्थन में बीजेपी और विपक्ष के तमाम विधायक सदन में धरने पर बैठ गए और विधायक एकता जिंदाबाद के नारे लगाने लगे। नाराज विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने गाजियाबाद के सप्लाई इंस्पेक्टर को दंडित करने की मांग रखी। आखिरकार सदन की कार्यवाही 18 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दी गई।
हालांकि अगले दिन नंद किशोर गुर्जर ने विधानसभा में मंगलवार की घटना को लेकर अपनी सफाई दी। उन्होंने विधानसभा में मंगलवार की घटना को लेकर खेद व्यक्त किया और कहा कि मेरी मंशा किसी की भावनाओं को आहत करना नहीं था। उनका कहना था कि गाजियाबाद जिले के अधिकारी खुल कर कमीशन ले रहे हैं। एक या दो प्रतिशत अधिकारी ही ईमानदारी दिखा रहे हैं। वहीं अधिकारी जानबूझकर जनप्रतिनिधियों का उत्पीड़न कर रहे हैं। वे अधिकारी सुनते नहीं हैं। भाजपा विधायक ने कहा कि अधिकारियों और उनकी पत्नियों की संपत्तियों की जांच कराई जाए तो सच सामने आ जाएगा। इसके साथ ही अधिकारियों की पत्नियों के एनजीओ की भी जांच होनी चाहिए। मेरी संपत्ति की भी जांच करवा लें।
नंद किशोर गुर्जर ने कहा कि मुझे अपराधी बताया गया, जिससे मुझे दुख हुआ है। मुझे न्याय की उम्मीद है। मैंने कभी किसी अधिकारी से कोई काम नहीं कहा है। जो बेईमानी की पुरानी परंपरा चली आ रही है, उस पर जांच कराकर कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि मैंने कभी एक रुपया कमीशन नहीं लिया, लेकिन हमारे यहां अफसर 18 से 22 प्रतिशत कमीशन ले रहे हैं। यहां तक कि विधायक निधि में भी कमीशन की मांग की जाती है। कमीशन का विरोध करने पर अधिकारी कहते हैं कि पिछली सरकारों में 18 फीसद लेते थे अब तो 4 फीसद लेते हैं।
आपको बता दें कि बीते बुधवार को लोनी में तैनात फूड इंस्पेक्टर आशुतोष सिंह का एक वीडियो सामने आया था। जिसमें आरोप है कि विधायक नंद किशोर ने कार्यालय बुलाकर मीट के होटलों के लाइसेंस न बनाने का दबाव डाला। कानून के तहत काम करने की बात पर विधायक ने मारपीट की। कहा- यहां उनकी सरकार चलती है। जिसके बाद पुलिस अधीक्षक नीरज जादौन की संस्तुति पर विधायक व उनके साथियों पर आईपीसी की धारा 147, 148, 323, 504, 506 और 332 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया था।