ग्वालियर (मध्य प्रदेश)। यह तो आपने सुना होगा कि यदि किसी को बंदूक का लाइसेंस चाहिए तो उसे सरकार द्वारा निर्धारित फीस जमा करनी होगी, तभी उसे लाइसेंस मिलेगा। लेकिन ग्वालियर जिला कलेक्टर ने बंदूक के लाइसेंस को प्राप्त करने के लिए एक अनोखा आदेश जारी किया है। कलेक्टर अनुराग चौधरी ने आदेश दिया है कि यदि किसी को बंदूक का लाइसेंस चाहिए तो उसे दस पौधे लगाने के साथ ही गायों के लिए दस कंबल दान करने पड़ेंगे।
आपको बता दें कि ग्वालियर-चंबल संभाग में लाइसेंसी हथियार रखना स्टेट्स सिंबल माना जाता है। इस क्षेत्र के लोग लाइसेंस प्राप्त करने के लिए किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार रहते हैं। ग्वालियर जिले में वर्तमान में 28500 शस्त्र लाइसेंस हैं। हर माह लगभग सौ लाइसेंस के लिए आवेदन आते हैं। इसी चाहत का फायदा उठाते हुए जिला कलेक्टर ने लाइसेंस को हथियार बनाया और गौशाला में 10 कंबल दान करने की शर्त लगा दी। जिससे गायों को सर्दी से बचाया जा सके।
गौरतलब है कि बीते दिनों नगर निगम द्वारा संचालित मार्क गौशाला में सर्दी से 2 दिनों में 14 गायों की मौत हो गई थी। इसके बाद कलेक्टर ने गायों को सर्दी से बचाने के लिए 3 लाख रुपए का चेक दिया था। वहीं श्रीकृष्णायन देशी गौरक्षाशाला के संतों की ओर से भी 2 लाख स्र्पए के तिरपाल दान दिए गए थे। तमाम कोशिशों के बावजूद जब दोनों गोशालाओं की 9000 गायों को सर्दी से बचाना मुश्किल होने लगा तो कलेक्टर ने आदर्श गौशाला में गो सेवकों एवं समाजसेवियों की बैठक बुलायी । और गायों को सर्दी से बचाने का सुझाव मांगा । इसी दौरान उन्होंने जिले के संबंधित अधिकारियों को आदेश दिए कि जिले भर में जिसको भी बंदूक का लाइसेंस चाहिए उन्हें गौशाला में कम से कम 10 कंबल दान करने होंगे ।
जबकि शुक्रवार को मार्क गौशाला में गायों को सर्दी से बचाने के लिए स्वास्थ्य शिविर आयोजित किया गया था। इसमें एक दर्जन से अधिक पशु चिकित्सकों सहित लगभग 30 अन्य स्वास्थ्य कर्मचारियों ने गायों को टीकाकरण एवं स्वास्थ्य परीक्षण किया था। अब ऐसे स्वास्थ्य शिविर का आयोजन प्रति सप्ताह करने का आदेश कलेक्टर ने दिया है। जिससे गायों को इस तेज सर्दी से बचाया जा सके।