मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मुद्रा योजना के तहत ऋण लेने वाले पांच व्यक्तियों में से केवल एक व्यक्ति ने नया व्यापार शुरु करने के लिये ऋण लिया है। इसमें से बाकी चार व्यक्तियों ने अपने पुराने व्यापार में मुद्रा योजना का पैसा लगाया और उसे आगे बढ़ाया। इसके कारण न तो नया व्यापार पैदा हुआ ओर न ही नए लोगों को रोजगार मिला।