पानीपत(हरियाणा)। हमारे देश में सब्सिडी की लूट करने वालों की कोई कमी नहीं है। ताजा मामला पानीपत है, जहां कृषि अधिकारियों ने किसानों और कृषि यंत्र बनाने वाली कंपनी के साथ मिलकर साढ़े तेरह लाख रुपए का घोटाला कर डाला। इन आधिकारियों ने हाईटेक एग्रो इंडस्ट्री कंपनी मालिक से मिलीभगत कर छोटे कृषि यंत्रों पर बड़े यंत्र की प्लेट लगाकर घोटाले को अंजाम दिया। विजिलेंस पुलिस ने कृषि विभाग के दो अधिकारियों, कंपनी मालिक और किसान समेत 23 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है।
करनाल विजिलेंस पुलिस अधीक्षक श्याम लाल शर्मा के अनुसार यह मामला वर्ष 2017-18 का है। पानीपत के जाटल रोड पर पावर वीडर बनाने वाली हाईटेक एग्रो इंडस्ट्री कंपनी 5 व 7 हार्स पावर के पावर वीडर बनाने के लिए हिसार ट्रैक्टर ऑफ इंस्टीट्यूट से रजिस्टर्ड है। जबकि सरकार 9.5 एचपी पावर वीडर पर ही 50 हजार रुपए सब्सिडी देती है। ऐसे में इन शातिर अधिकारियों और कंपनी के मालिक ने मिलकर 5 एचपी और 7 एचपी के पावर वीडर पर 9.5 एचपी की प्लेट लगवा दी और फिर 27 किसानों को 50 हजार रुपए प्रति किसान के हिसाब से 13.50 लाख रुपये की सब्सिडी दिलवा दी। इनमें से 15 किसानों के नाम फर्जी दर्ज कर 7.50 लाख रुपए की सब्सिडी अधिकारियों ने गबन कर लिया। जब विजिलेंस पुलिस ने मामले की जांच की तो यह धोखाधड़ी सामने आयी। विजिलेंस टीम ने ईटेक एग्रो इंडस्ट्री कंपनी के मालिक शमीम अहमद, सहायक कृषि अभियंता विनीत कुमार, कनिष्ठ अभियंता विश्वपाल और 20 किसानों सहित 23 लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। इस मामले में शामिल किसानों के नाम कृष्ण निवासी भापरा, अशोक कुमार निवासी सिठाना, ऋषि, भजन, जयकिशन, राकेश सैनी, नरेश कुमार, अनवर, मीनू, मुकेश निवासी पानीपत, मूर्ति निवासी भापरा, राजबाला निवासी काबड़ी, रीना निवासी बिहौली, सरोजबाला निवासी शेरा, गंगा सैनी निवासी कचरौली, ओमकौर निवासी बुआना लाखु, एमुर्तजा निवासी अधमी, सुरजीत निवासी इसराना, शांति देवी निवासी सिवाह, प्रेम निवासी उग्राखेड़ी हैं।