नई दिल्ली। मोदी सरकार ने नए केन्द्रीय मंत्रिमंडल की पहली बैठक में किसानों, शहीदों के बच्चों और छोटे व्यापारियों को लेकर बड़ी सौगात दी है। इसमें प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का विस्तार के अलावा किसानों और छोटे व्यापारियों के लिए पेंशन योजना का एलान किया गया है। साथ ही शहीदों के बच्चों की छात्रवृत्ति योजना का भी विस्तार किया गया है।
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कैबिनेट बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि अभी तक 12.5 करोड़ किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत लाभान्वित हो रहे थे। करीब 2 करोड़ किसान छूट रहे थे। अब सभी किसान इसके दायरे में होंगे। इस योजना पर पहले 75 हजार करोड़ खर्च होते थे, लेकिन अब 87 हजार करोड़ रुपये सालाना खर्च होगा। कृषि मंत्री ने कहा कि पीएम किसान सम्मान निधि के तहत 3 करोड़ से अधिक किसानों के खातों में पैसा पहुंच चुका है।
इसके अलावा किसानों और छोटे व्यापारियों के लिए पेंशन योजना के तहत 18 से 40 वर्ष आयु के लोगों को 60 साल की उम्र के बाद प्रति महीने 3 हजार रुपये पेंशन मिलेगी। योजना का लाभ उन सभी कारोबारियों को मिलेगा जिनका जीएसटी के तहत सालाना टर्नओवर 1.5 करोड़ रुपए से कम है। कारोबारी को इसके लिए देशभर में फैले 3.25 लाख कॉमन सर्विस केंद्रों के जरिए खुद को पंजीकृत कराना होगा। यदि लाभ पाने वाले व्यक्ति की मौत हो गई, तो उसके पति/पत्नी को 50% रकम मिलती रहेगी। इस योजना में 10 हजार करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। पेंशन स्कीम के तहत 18 वर्ष के उम्र के शख्स को 55 रुपये प्रति महीने का योगदान देना होगा। सरकार भी इतने का ही योगदान देगी। उम्र के हिसाब से योगदान की राशि बढ़ेगी। उन्होंने बताया कि पेंशन योजना के तहत 12 से 13 करोड़ लोग कवर होंगे।
प्रधानमंत्री छात्रवृत्ति योजना के तहत शहीदों के बच्चों की छात्रवृत्ति बढ़ाने व राज्य पुलिस के शहीद जवानों के बच्चों को भी यह उपलब्ध कराने का निर्णय किया गया है। शहीदों के बच्चों की छात्रवृत्ति योजना में लड़कों की स्कॉलरशिप मौजूदा 2000 रुपए से बढ़ाकर 2500 रुपये और लड़कियों की 2500 से बढ़ाकर 3000 रुपये कर दी गई है। अब आतंकी व नक्सली हमलों में शहीद होने वाले राज्यों के जवानों के बच्चों को भी यह छात्रवृत्ति दी जाएगी। राज्य पुलिस के लिए इस छात्रवृत्ति का सालाना कोटा 500 रहेगा।
इसके अलावा गाय, भैंस, बैल के अलावा भेंड़, बकरी और सुअरों को बीमारी से बचाने के लिए टीका लगाया जाएगा और इसका पूरा खर्च केंद्र सरकार उठाएगी। पशुओं के टीकाकरण की योजना पर केंद्र सरकार करीब 13,000 करोड़ रुपये खर्च करेगी। भाजपा ने अपने चुनावी संकल्प पत्र में वादा किया था, जिस पर पहली ही कैबिनेट बैठक में मुहर लगाई गई है।