जयपुर (राजस्थान)। राज्य सरकार ने महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध के मामलों में प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए बहुत ही अहम कदम उठाया है। अब प्रदेश में जिला स्तर पर एक नोडल अधिकारी पुलिस उपाधीक्षक (महिला सुरक्षा) नियुक्त किया जाएगा। जो महिलाओं, बालकों व बालिकाओं के प्रति प्रताड़ना तथा जघन्य अपराधों के प्रति प्रताड़ना तथा जघन्य अपराधों में प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करेगा।
अशोक गहलोत सरकार ने शुक्रवार को एक उच्च स्तरीय बैठक की । जिसमें कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए। अब जिले में पदस्थापित नोडल अधिकारी उप अधीक्षक पुलिस (अनुसूचित जाति-जनजाति) की तर्ज पर ही महिला व बच्चों के खिलाफ अपराधों के मामलों की निगरानी के लिए भी नोडल अधिकारी उप अधीक्षक पुलिस (महिला सुरक्षा) का पद सृजित करने के निर्देश दिए गए हैं। नोडल अधिकारी जिले में स्थित महिला थानों पर भी निगरानी रखेगा। इसके साथ ही सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग में स्थानीय स्तर पर समन्वय स्थापित कर महिलाओं के प्रति हो रहे अत्याचार के मामलों में पीड़ित पक्ष को सहायता, मार्गदर्शन एवं संबल प्रदान करने का काम करेगा। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि यदि थानेदार द्वारा संबंधित थाने में एफआईआर दर्ज नहीं करने की फरियाद पुलिस अधीक्षक के पास पहुंचती है, तो पुलिस अधीक्षक जिला स्तर पर ही एफआईआर दर्ज करने की कार्रवाई सुनिश्चित करेगा तथा संबंधित थानेदार का उत्तरदायित्व निर्धारित करने की कार्यवाही भी करेगा। इतना ही नहीं महिला व बच्चों के विरुद्ध जघन्य यौन अपराधों को केस ऑफिसर स्कीम में लेकर संबंधित प्रकरण में एक पुलिस अधिकारी को अधिकृत किया जाए जो अभियोजन प्रक्रिया को तेज गति से संपन्न करवाकर पीड़ित को शीघ्र न्याय दिलवाए।