आपने मीडिया में देखा और सुना भी होगा कि अप्रैल और मई महीने में श्रृंगवेरपुर घाट के किनारे गंगा नदी में भारी संख्या में शवों को दफनाया गया था। इस समाचार के सामने आने के बाद देशभर में हड़कंप मच गया था। दूसरी ओर प्रशासन अपनी गलती मानने की बजाय शवों को दफनाने की पुरानी परम्परा की दुहाई देकर अपना पल्ला झाड़ने में जुट गया था। लेकिन मामले ने जब तूल पकड़ा तो प्रशासन को गंगा के किनारे शवों के दफनाने पर रोक लगानी पड़ी। और मौके पर पुलिस और एनडीआरएफ टीम को तैनाती करना पड़ा।