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केंद्रीय सूचना आयोग को शिकायत

केंद्रीय सूचना आयोग को शिकायत

केन्द्रीय सूचना आयोग को ऑनलाइन शिकायत

  • जब आप केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी को अपना आवेदन जमा न करवा पाए हों, चाहे इसलिए कि इस कानून के तहत ऐसा कोई अधिकारी नियुक्ता ही नहीं किया गया हो अथवा इसलिए कि केन्द्रीय सहायक लोक सूचना अधिकारी ने इस कानून के तहत सूचना या अपील के लिए आपका आवेदन केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी या वरिष्ठ अधिकरी को अग्रसारित करने से इनकार कर दिया हो, जैसा कि धारा 19 की उपधारा (1) या केन्द्रीय सूचना आयोग में निर्दिष्ट है,
  • यदि केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी ने इस कानून के तहत किसी भी सूचना को प्राप्तध करने के आपके अनुराध को ठुकरा दिया हो,
  • यदि केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी ने आपके सूचना प्राप्तत करने संबंधी आवेदन का कोई जवाब इस कानून के तहत निर्धारित समय सीमा के भीतर न दिया हो,
  • यदि केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी आपसे कोई ऐसी शुल्के चुकाने की बात कह रहा हो जिसे आप अनावश्य्क मानते हों,
  • यदि आपको विश्वाीस हो कि केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी ने आपको जो सूचना दी है, वह अधूरी, भ्रामक या गलत है,
  • यदि आप केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी द्वारा दी गई सूचना से सतुष्टू न हों।
  • आवश्यक कागजात (पीडीएफ/जेपीजी/जीआईएफ फॉर्मेट में)
  • बीपीएल प्रमाणपत्र (यदि आप शुल्क में छूट चाहते हैं)
  • आयु प्रमाणपत्र (यदि आप वरिष्ठल नागरिक हैं)
  • प्रमाणपत्र (यदि आप शारीरिक रूप से विकलांग हैं)
  • और कोई कागजात जो आप अपने मामले की पुष्टि करने के लिए देना चाहते हों
  • सभी दस्तावेज़ पीडीएफ/जेपीजी/जीआईएफ फॉर्मेट में हों,
  • संलग्न् कागजात की फाइल का आकार 2 एमबी से ज्याफदा नहीं होनी चाहिए।

ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया

  • www.rtionline.gov.in पर जाकर ऑनलाइऩ फॉर्म भरें।
  • फॉर्म भरें और जरूरी कागजात अपलोड करें।
  • फॉर्म भरने के बाद “Save as Draft/ Submit” बटन पर क्लिक करें।
  • एक बार फॉर्म सेव हो जाने के बाद आपको एक शिकायत संख्या दी जाएगी।
  • यदि आप “Save as Draft” के रूप में अपना फॉर्म जमा करा रहे हैं, तो अंतिम रूप से जमा कराने से पहले आप इसमें फेरबदल कर सकेंगे।

सूचना एकत्र करने के लिए प्रार्थना पत्र का नमूना- हिंदी में आरटीआई आवेदन फार्म

 

सेवा में 

                          सूचना अधिकारी

                          विभाग ( विभाग का नाम लिखें)

पता…………………………………………….

पिन कोड……………………………………….

 

विषय:              सूचना का अधिकार क़ानून -2005 के अंतर्गत सूचना प्राप्ति के लिए आवेदन

महोदय / महोदया,

महोदय कृपया सूचना का अधिकार  क़ानून -2005 के तहत नीचे लिखे प्रश्नों का लिखित उतर देने की कृपा करें|

  1. प्रश्न: ( कृपया अपने प्रश्न या प्रश्नों को क्रमांक दे कर जवाब माँगें) जैसे…

(क) प्रश्न एक……………………………………….

(ख) प्रश्न दो…………………………………………

  1. समय अवधि जिसके दौरान सूचना वांछित है ( उदाहरण: 20 मार्च से 19 जून 2013)
  2. यदि जाँच के लिए आग्रह है तो जाँच का पूरा विवरण ( यदि नही तो छोड़ दें)

( नोट: कृपया सूचना प्राप्ति का आवेदन देने से पहले अच्छी  तरह पता कर लें की सूचना अधिकारी का नाम क्या है ओर उसका पता क्या है?)

  1. सूचना प्राप्ति के लिए दस रुपये फीस ली जाती है | आप अपने आवेदन के साथ 10 रुपये का पोस्टल ऑर्डर संलग्न कर सकते है | पोस्टल ऑर्डर का एक पन्ना अपने पास सुरक्षित रख लें और बड़ा हिस्सा इस प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न कर लें)| सूचना देने का शुल्क दो रुपये प्रति ए-फॉर कागज लिया जाएगा|
  1. शुल्क की जानकारी इस तरह से दें| पोस्टल ऑर्डर/ बॅंक ड्राफ्ट का नंबर……….. जारी करने की तारीख………………राशि………………….
  1. यदि आप ग़रीबी रेखा से नीचे हैं तो आपको सूचना का अधिकार लेने के लिए कोई शुल्क नही देना है |उसका ब्योरा दें और सत्यापित दस्तावेज़ साथ लगाएँ|

कृपया निर्धारित अवधि के तहत सूचना प्रदान करने की कृपा करें|

 

भवदीय

( हस्ताक्षर करें)

अपना पूरा नाम लिखें

कृपया अपने घर का पूरा पता पिन कोड सहित लिखें ताकि माँगी गई सूचना सही पाते पर पहुँचे। फ़ोन संख्या- अपना फ़ोन नंबर और ईमेल लिखें।

नोट- प्रार्थना पत्र की एक कापी अपने पास ज़रूर रखें। यदि आपको एक महीने के अंदर कोई जवाब नहीं मिलता है तो आप सूचना अधिकारी की शिकायत सूचना आयुक्त से कर सकते हैं। हर राज्य में एक सूचना आयुक्त नियुक्त किया जाता है। ग़लत सूचना देने, देरी से देने और सूचना ना देने के दोषी सूचना अधिकारी के खिलाफ करवाई करने का प्रावधान है।

अपनी शिकायत की स्थिति जाँचें

  • आवेदन जमा कराने के बाद अपने आवेदन की स्थिति ऑनलाइन रूप से पता कर सकते हैं।
  • आपकी अपील या शिकायत की वर्तमान स्थिति क्या है, उस पर क्या कार्रवाई की गई है, यह जानकारी भी आप घर बैठे ही पा सकते हैं।
  • सीआईसी में द्वितीय अपील दर्ज कराने के लिए वेबसाइट में प्रोविजनल संख्या पूछी जाती है। वेबसाइट पर जाकर आप सीआईसी के निर्णय, वाद सूची, अपनी अपील या शिकायत की स्थिति भी जांच सकते हैं। 

नागरिक का मौलिक कर्तव्य

(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें। 

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।

(ग) भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें। 

(घ) देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें। 

(ङ) भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।

(च) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। 

(छ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।

(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें । 

(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें। 

(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।

(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

बंदी (कैदी) का अधिकार