यदि ट्रैफिक कॉन्स्टेबल के कंधे पर सफेद रंग के फीते पर बैज है, तो वह जुर्माना लगाने का अधिकार नहीं रखता है। कॉन्सटेबल केवल वाहन का नंबर नोट करके जेडओ को दे सकता है। जेडओ के कहने पर चालान की पर्ची काटकर दे सकता है।
हालांकि हेड कॉन्स्टेबल, जिसकी वर्दी पर बैज वाला सफेद फीता बाजू (बांह) पर है, वह वाहन चालक से 100 रुपये तक का जुर्माना वसूल सकता है।
एएसआई या एसआई, जिसके कंधे पर बैज वाला सफेद फीता कंधे पर होता है। वह 100 रुपये से ज्यादा का जुर्माना वसूल सकता है।
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस में कॉन्स्टेबल से लेकर एसआई रैंक तक के पुलिसवाले नीली पैंट, सफेद शर्ट और सफेद बेल्ट पहनते हैं।
इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी के कंधे पर फीता रहता है। ये अधिकारी खाकी वर्दी पहनते हैं और उस पर सफेद बेल्ट लगाते हैं।
कोई ट्रैफिक पुलिसवाला आपका चालान तभी काट सकता है जब उसने वर्दी पहनी हुई हो और उस पर नेमप्लेट लगाई हुई हो। अगर उसने वर्दी नहीं पहनी है या नेम प्लेट नहीं लगाई हुई है तो आप उसकी कार्रवाई का विरोध कर सकते हैं। और उससे उसका आईकार्ड मांग सकते हैं।
किसी भी ट्रैफिक हवलदार को किसी भी वाहन चालक को गिरफ्तार करने या वाहन जब्त करने का अधिकार भी नहीं होता है।
ट्रैफिक हवलदार आपसे पॉल्यूशन अंडर-कंट्रोल पेपर्स(पीयूसी) भी नहीं मांग सकता है, क्योंकि यह अधिकार सिर्फ आरटीओ अधिकारी का होता है।
यदि आप किसी तरह का यातायात नियम तोड़ते हैं, तब भी उस हवलदार को आपकी गाड़ी से चाबी निकालने का कोई अधिकार नहीं होता है।
(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें।
(ख)स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।
(ग)भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें।
(घ)देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें।
(ङ)भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।
(च)हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें।
(छ)प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।
(ज)वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें ।
(झ)सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें।
(ञ)व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।
(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।