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उ.प्र. में खतौनी ऑनलाइन निकालें

उ.प्र. में खतौनी ऑनलाइन निकालें

खसरा और खतौनी की मुख्य उद्देश्य लोगों को उनकी जमीन के बारे में जानकारी देना है। आप अपनी जमीन से संबंधित खसरा, खतौनी दो तरीके से प्राप्त कर सकते हैं। 

  1. आप अपने घर के पास के जनसुविधा केंद्र में जाकर कुछ पैसे देकर खतौनी निकलवा सकते हैं,
  2. आप स्वयं भी इंटरनेट पर अपने राज्य की राजस्व विभाग संबंधी वेबसाइट पर जाकर खतौनी देख या निकाल सकते हैं।

खतौनी प्राप्त करने की प्रक्रिया अब बहुत आसान हो चुकी है। इंटरनेट पर ही अब ये सारी जानकारियां मौजूद हैं। आप इस तरह से अपना समय और पैसा बचा सकते हैं, इसके लिए नीचे बताए चरण का अनुसरण करें। 

  • आपको खतौनी चाहिए तो सबसे पहले उत्तर प्रदेश सरकार की वेबसाइट भूलेख http://upbhulekh.gov.in/ पर जाएं। और वेबसाइट में "खतौनी (अधिकार अभिलेख) की नकल देखें" पर क्लिक करें।

  • अब आपके सामने एक विंडो खुल जाएगा, जिसमें आप ऊपर दिए गए कैप्चा कोड अंकित करें। और सबमिट बटन पर क्लिक कर दें।
  • इसके बाद आपके सामने एक नया पेज खुलकर आ जाएगा, जिसमें जिलों के नाम लिखे होंगे। अब आपको कॉलम में दिए गए जिलों में अपने जिले का नाम चुनें।
  • जिले की सूची के बाद बनी तहसीलों की सूची से अपनी तहसील का नाम चुनें।
  • इसके बाद सबसे दाईं ओर बनी सूची में अपने गाँव का नाम चुनें
  • गांव का नाम चुनने के बाद आपके सामने एक नया विंडो खुलकर आ जाएगा। अब यहां पर आप खसरा, खतौनी या खाता संख्या भरें और खोजें ऑप्शन पर क्लिक कर दें। 
  • इसके बाद आप उदाहरण देखें ऑप्शन पर क्लिक करें। ।
  • उदाहरण देखें पर क्लिक करते ही आपकी ज़मीन का पूरा विवारण (भूलेख) आपके सामने आ जाएगा। आप इसका प्रिंट आउट भी ले सकते हैं। और इसे डाउनलोड भी कर सकते हैं।

 

नागरिक का मौलिक कर्तव्य

(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें। 

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।

(ग) भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें। 

(घ) देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें। 

(ङ) भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।

(च) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। 

(छ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।

(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें । 

(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें। 

(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।

(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

बंदी (कैदी) का अधिकार