भारत में न्यायालय की व्यवस्था
- सर्वोच्च न्यायालय- नई दिल्ली
- उच्च न्यायालय-रज्यों में
- जिले स्तर पर न्यायालय-
- कार्यपालिका के न्यायिक अधिकारी
- जिला मजिस्ट्रेट(डीएम)
- अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट
- सब डिविजनल मजिस्ट्रेट
- जिला न्यायालय- सिविल या दीवानी मामलों का न्यायालय।
- सत्र न्यायालय-फौजदारी या आपराधिक मामलों का न्यायालय(नॉन-मेट्रोपोलिनटन एरिया)
सत्र न्यायालय के न्यायाधीश-
- सत्र न्यायाधीश,
- अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश,
- मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट,
- अतिरिक्त मुख्य मजिस्ट्रेट,
- प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट
- द्वितीय श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट
- सत्र न्यायालय-फौजदारी या आपराधिक मामलों का न्यायालय(मेट्रोपोलिटन एरिया)
सत्र न्यायालय के न्यायाधीश-
- सत्र न्यायाधीश,
- अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश,
- मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ,
- अतिरिक्त मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट,
- मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट
न्यायाधिकरण(ट्रिब्यूनल)
- सरकारी नौकरी तथा कराधान से जुड़े विवादों के लिए न्यायाधिकरण।
लोक अदालत
- सुलह औऱ सफाई से विविदों को निपटाने का एक सस्ता माध्यम।
- ऐसे फौजदारी मामलों को छोंड़कर जिनमें समझौता गैरकानूनी है , अन्य सभी तरह के मामले लोक अदालतों द्वारा निपटाए जाते हैं ।
- लोक अदालतों के फैसले दीवानी अदालतों के फैसलों की तरह सभी पक्षों को मान्य होते हैं ।
- लोक अदालतों के फैसलों के खिलाफ किसी भी अदालत में अपील नहीं की जा सकती है ।