देश में जब पहली बार जीएसटी लागू हुआ था तब सरकार ने दावा किया था कि इसके लागू होने के बाद कर में हेराफेरी की संभावना कम हो जाएगी। कर का ढांचा पारदर्शी होगा, जिससे काफी हद तक कर विवाद कम होंगे। और जीएसटी के अंतर्गत पूरा कर ढांचा ऑनलाइन होगा, जिससे कर चोरी में निश्चित रूप से कमी आएगी, इससे सरकार की कर आय में वृद्धि होगी। लेकिन सरकार अपने दावे पर पूरी तरह खरी नहीं उतरी। और आज भी कर की हेराफेरी जारी है।