अयोध्या (उत्तर प्रदेश)। देश में लेखपालों की बेइमानी जगजाहिर है। ताजा मामला अयोध्या के बीकापुर तहसील का है, जहां के लेखपाल ने एक गरीब विधवा को आय प्रमाण पत्र में करीब पांच करोड़ की मालकिन बना दिया। महिला के पुत्र ने छात्रवृत्ति के लिए आय प्रमाण पत्र बनवाने का आवेदन किया था। अब महिला न्याय के लिए दर-दर भटक रही है, लेकिन उसकी सुनने वाला कोई नहीं है। हालांकि एसडीएम बीकापुर ने कार्यवाही का भरोसा दिया है।
आपको बता दें कि गरीब विधवा तारादेवी अयोध्या जिले की बीकापुर तहसील के मानापुर क्षेत्र की रहने वाली हैं। उसके पुत्र अमित कुमार गुप्ता ने छात्रवृत्ति का आवेदन पत्र भरने के लिए लेखपाल के पास आय प्रमाणपत्र के लिए आवेदन किया था। छात्र की मां तारादेवी का आरोप है कि जब वह आवेदन पर रिपोर्ट लगाने के लिए लेखपाल धीरेंद्र प्रताप यादव से मिली तो उन्होंने उससे रिश्वत की मांग की। धीरेंद्र प्रताप यादव ने रिश्वत नहीं मिलने पर छात्रवृत्ति आवेदन की अंतिम तारीख 30 जुलाई को आय प्रमाणपत्र जारी तो कर दिया, लेकिन उसकी वार्षिक आय पांच करोड़ 20 लाख पांच हजार दो सौ रुपये लिख दी। जिसकी वजह से उनका पुत्र छात्रवृति प्राप्त करने से वंचित हो गया। जबकि सच्चाई यह है कि तारादेवी खेती-बारी कर अपने परिवार का पालन-पोषण करती हैं।
तारादेवी की जब कहीं सुनवाई नही हुई तो उन्होंने मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत दर्ज करायी। हालांकि मामला उजागर होने के बाद से तहसील प्रशासन में हड़कंप मच गया, लेकिन फिर भी अभी तक लेखपाल के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गयी है। हालांकि इस मामले पर एसडीएम बीकापुर लवकुमार सिंह का कहना है कि मामला उनके संज्ञान में आया है। वह तहसीलदार से इस मामले की पड़ताल करावाएंगे। अब देखना है कि भ्रष्ट लेखपाल के खिलाफ कोई कार्रवाई होती है या फिर कुछ दिन बाद मामले की लीपापोती कर दी जाती है।