सीवान (बिहार)। बिहार के सीवान जेल के पुलिस अधिकारियों ने लापरवाही की हद ही कर दी। यहां की न्यायालय ने जिस कैदी को जमानत दी थी, जेल प्रशासन ने उस कैदी के हम नाम वाले दूसरे कैदी को जमानत के आधार पर छोड़ दिया। जब जेल में बंद कैदी ने अपनी रिहाई की सूचना पुलिस को दी तब मामले का खुलासा हुआ। इस गलती का पता चलते ही जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया। इसके बाद आनन-फानन में छोड़े गए कैदी को गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी शुरु कर दी।
बताया जा रहा है कि बिहार की सीवान जेल में गुल मोहम्मद नाम के दो कैदी सजा काट रहे त थे। सीजेएम न्यायालय ने इनमें से एक कैदी की जमानत मंजूर कर ली थी। रिलीज ऑर्डर जारी होने के बाद जेल प्रबंधन ने गुल मोहम्मद नाम के दूसरे कैदी को जमानत पर रिहा कर दिया। जिस कैदी को जमानत पर रिहा कर दिया गया वो डकैती कांड में गिरफ्तार हुआ पेशेवर अपराधी है। जेल से बाहर आने के बाद से ही वह फरार चल रहा है। वहीं न्यायालय ने जिस गुल मोहम्मद की जमानत मंजूर की थी वह सहसरांव गांव का रहने वाला है। गुल मोहम्मद ने जब जमानत पर अपनी रिहाई की सूचना जेल अधिकारियों को दी, तब इस मामले का खुलासा हुआ। वहीं इस घटना के बाद जेल में बंद गुल मोहम्मद के वकील एमए खान ने कहा "ये लिपीकीय गलती है। ये कोई इरादतन की गई गलती नहीं है। हम इसे 'स्लिप ऑफ पेन' कह सकते हैं।" जबकि जेल प्रशासन का कहना है कि, "पेशकार की गलती से रिलीज ऑर्डर जेल को भेज दिया गया था।" हालांकि पुलिस जेल से छोड़े गए कैदी गुल मोहम्मद को गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी कर रही है।