लखनऊ (उत्तर प्रदेश)। प्रदेश के निजी माध्यमिक स्कूलों में पढ़ा रहे शिक्षकों के लिए बहुत बड़ी खुशखबरी है। योगी सरकार ने एक अहम फैसला लेने जा रही है, इसके तहत अब निजी स्कूलों के शिक्षकों को अंशकालिक की जगह अब पूर्णकालिक कहा जाएगा। सरकार के इस फैसले के बाद शिक्षक को निकालना आसान नहीं होगा। ऐसा करने से पहले स्कूल के प्रबंधक को शिक्षक को निकालने का कारण ऑनलाइन फॉर्म के माध्यम से जिला विद्यालय निरीक्षक को बताना होगा। इतना ही नहीं स्कूलों में भर्ती किए गए शिक्षकों का भी पूरा ब्यौरा देना होगा। इन शिक्षकों के सेवा अनुभव का अनुभव प्रमाणपत्र स्कूल प्रबंधन और डीआइओएस संयुक्त जारी करेंगे।
माध्यमिक शिक्षा निदेशक विनय कुमार पांडेय ने बताया कि निजी स्कूलों के शिक्षकों की सेवा नियमावली में कई ऐसे महत्वपूर्ण अधिकार जोड़े गए हैं, जिससे वह मजबूती के साथ नौकरी कर सकेंगे। यही नहीं 15 हजार रुपये वेतन भी स्कूल को देना होगा। प्राइवेट स्कूलों के शिक्षकों की सेवा नियमावली के लिए माध्यमिक शिक्षा एक्ट में बदलाव किया जा रहा है। सेवा नियमावली के लिए एक्ट में संशोधन का प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है। संशोधन के बाद इसे लागू किया जाएगा। इस फैसले पर लखनऊ शिक्षक खंड के एमएलसी व माध्यमिक वित्तविहीन शिक्षक महासभा, उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष उमेश द्विवेदी कहना है कि इससे वित्त विहीन स्कूलों में पढ़ा रहे शिक्षकों को बड़ी राहत मिलेगी। वित्तविहीन शिक्षकों ने इसके लिए काफी लंबी लड़ाई लड़ी है।