दतिया (मध्य प्रदेश)। राज्य सरकार द्वारा भ्रषटाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के दावों के बावजूद प्रदेश के भ्रष्ट अधिकारी बेईमानी से बाज नहीं आ रहे हैं। ताजा मामला दतिया जिले के जनपद पंचायत भांडेर का है, जहां लोकायुक्त पुलिस ने मनरेगा के संविदा उपयंत्री को 8 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ लिया । संविदा उपयंत्री पर आरोप है कि उसने आंगनबाड़ी भवन बनने के बाद गुणवत्ता सर्टिफिकेट जारी करने के एवज में सरपंच के पति से रिश्वत मांगी थी।
आपको बता दें कि दतिया जिले की ग्राम पंचायत की सरपंच अंगूरी देवी के पति गंभीर सिंह ने 30 अप्रैल को लोकायुक्त ग्वालियर में शिकायत की थी। अपनी शिकायत में सरपंच पति ने कहा था कि जनपद पंचायत भांडेर में मनरेगा विभाग में संविदा पर पदस्थ उपयंत्री विजय तिवारी ने गांव में साढ़े चार लाख रुपए की लागत से निर्मित आंगनबाड़ी भवन का गुणवत्ता सर्टिफिकेट जारी करने के एवज में 8 हजार रुपए मांग की है। इसके बाद लोकायुक्त पुलिस ने उपयंत्री को रंगेहाथ पकड़ने के लिए जाल बिछाया और शिकायतकर्ता सरपंच पति को केमिकल युक्त 8 हजार रुपए दिए। लोकायुक्त पुलिस की तय योजना के अनुसार गुरुवार को जैसे ही सरपंच पति ने आरोपित उपयंत्री को रुपए दिए तभी मौके पर मौजूद लोकायुक्त टीम ने उसे रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया। इसके बाद आरोपी विजय तिवारी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के तहत मामला दर्ज कर लिया। और आगे की कार्यवाही शुरु कर दी।