रांची (झारखंड)। राज्य में फर्जी जमानतदारों की अब खैर नहीं है। राज्य सरकार के गृह विभाग ने उन पर लगाम लगाने की कवायद शुरु कर दी है। इसके तहत अब सिर्फ आधार धारक व्यक्ति ही जमानतदार बन सकेगा। ऐसे जमानतदार की पहचान का पता लगाने के लिए अदालतों में लगे बायोमीट्रिक सिस्टम पर अंगूठे का निशान लिया जाएगा। इस योजना के लागू होने पर इसका भी पता चल जाएगा कि जमानतदार ने इससे पहले कितने लोगों की जमानत ली है। अदालत के आदेश के बाद राज्य सरकार फर्जी जमानतदारों से निपटने के लिए इस योजना पर काम कर रही है।
इस योजना को अमली जामा पहनाने के लिए राज्य का गृह विभाग गाइडलाइन तैयार कर रहा है। इसके लिए पुलिस मुख्यालय और अभियोजन निदेशालय का भी सहयोग लिया जा रहा है। इस योजना के तहत सभी अदालतों में बायोमीट्रिक सिस्टम लगाया जाएगा और उससे जमानतदारों की पहचान की जाएगी। जमानतदारों का पहचान पत्र एवं संपत्ति का शपथ पत्र अदालत में दाखिल करना होगा ताकि सूचना गलत होने पर उन पर कार्यवाही हो सके। जमानतदारों का भौतिक सत्यापन थाना के माध्यम से होगा। सभी जिला एवं अनुमंडल अदालतों में जमानतदारों की प्रोफाइल रखने के लिए साफ्टवेयर बना जाएगा, जिससे जमानतदार द्वार बार-बार एक दस्तावेज के उपयोग से रोका जा सके। जमानतदारों के चल-अचल संपत्ति का ऑनलाइन जांच के लिए न्यायालय में व्यवस्था की जाएगी। गृह विभाग के प्रधान सचिव एस के जी रहाटे का कहना है कि अभियोजन निदेशालय, पुलिस मुख्यालय और गृह विभाग मिलकर इसके लिए गाइडलाइन तैयार कर रहा है। चार से छह सप्ताह में इसको तैयार कर लिया जाएगा।