दिल्ली : सभी सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों के लिए राहत की खबर है। स्वास्थ्य विभाग ने डॉक्टरों पर हमला करने वाले मरीज के परिजनों पर तत्काल एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं। इस आदेश में कहा गया है कि अस्पताल में तैनात डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टॉफ और नर्सों के साथ किसी भी प्रकार का गलत व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
दिल्ली सरकार में स्वास्थ्य विभाग के सचिव संजीव खिरवार ने मीडिया से बातचीत में कहा कि अक्सर मारपीट होने पर केस दर्ज करवाने के लिए डॉक्टर हड़ताल पर जाने को मजबूर होते हैं। ऐसे में दिल्ली सरकार के सभी अस्पतालों व संस्थानों के प्रमुख, विभाग प्रमुख अस्पताल में तीमारदारों द्वारा डॉक्टर व मेडिकल स्टाफ पर होने वाले हमले में तुरंत मामला दर्ज करवाएंगे। इतना ही नहीं भविष्य में ऐसी घटनाओं के बाद मामला दर्ज करवाने के लिए डॉक्टर या मेडिकल स्टाफ पर कोई जिम्मेदारी नहीं होगी बल्कि अस्पताल प्रबंधन या संस्थान प्रमुख ही इसके लिए उत्तरदायी होंगे। वहीं, स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मारपीट होती है तो मामला दर्ज करवाने से लेकर आरोपी को सजा दिलाने तक की जिम्मेदारी अस्पताल प्रशासन की होगी। डॉक्टर इस दिशा में कोई काम नहीं करेंगे।
स्वास्थ्य सचिव के इस एलान के बाद फेडरेशन ऑफ रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (फोर्डा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष, डॉ. सुमेध ने संतोष जाहिर किया । उनका कहना था कि स्वास्थ्य विभाग के इस फैसले से डॉक्टरों को राहत मिली है। अब उन्हें मारपीट या हमला होने पर मामला दर्ज करवाने के लिए हड़ताल नहीं करनी पड़ेगी।