रांची (झारखंड) । अपनी सात सूत्री मांग को लेकर पुलिसकर्मियों ने आंदोलन के दूसरे चरण में बुधवार से भूख हड़ताल शुरु कर दी। झारखंड के 70 हजार पुलिसकर्मी भूखे पेट अपनी ड्यूटी पर हैं। झारखंड पुलिस एसोसिएशन, झारखंड पुलिस मेंस एसोसिएशन व झारखंड पुलिस चतुर्थवर्गीय कर्मचारी संघ के आह्वान पर पुलिसकर्मियों ने दिनभर खाना न खाकर आंदोलन को जारी रखने का प्रण लिया है। इसमें प्रदेश के चतुर्थवर्गीय पुलिसकर्मी से लेकर इंस्पेक्टर स्तर तक के पदाधिकारी शामिल हैं।
झारखंड पुलिस एसोसिएशन, झारखंड पुलिस मेंस एसोसिएशन व झारखंड पुलिस चतुर्थवर्गीय कर्मचारी संघ के कर्मचारी सात सूत्री मांग को लेकर भूखे पेट ड्यूटी कर अपना विरोध जता रहे हैं। और उपवास पर रहकर सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं। ताकि उनकी मांगों पर सरकार की ओर से सहानूभूतिपूर्वक विचार करे। पुलिसकर्मियों की मांग है कि सीमित विभागीय प्रतियोगिता परीक्षा नियमावली को बिना कोई परीक्षा लिए समाप्त किया जाए। 13 माह का वेतन देने के आश्वासन को पूरा किया जाए। सातवें वेतन आयोग की अनुशंसा के अनुरूप पुलिसकर्मियों के भत्तों को पुनरीक्षित दर से दिया जाय। एसीपी-एमएसीपी मामले का शीघ्र निपटारा किया जाए एवं इसकी गणना नियुक्ति की तिथि से की जाए। शहीद-मृत पुलिसकर्मियों के आश्रित को नौकरी के लिए अधिकतम उम्र सीमा को शिथिल करने की छूट और आश्रित परिजन को मिलने वाली राशि में से 25 फीसद उनके माता-पिता को दी जाए। नई पेंशन नियमावली की जगह पुरानी पेंशन योजना लागू की जाए। वरीय पुलिस पदाधिकारी की तरह ही कनीय पुलिस पदाधिकारियों व कर्मियों को भी चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराया जाए व इसकी नियमावली को सरल बनाया जाए। पुलिसकर्मियों का कहना है कि यदि फिर भी उनकी मांगों पर विचार नहीं किया गया तो 28 फरवरी से 4 मार्च तक तीनों संघों के बैनर तले सभी पुलिसकर्मी पांच दिवसीय सामूहिक अवकाश पर चले जाएंगे।
आपको बता दें कि पुलिसकर्मियों ने अपनी मांगों को लेकर प्रथम चरण में 12 फरवरी से 14 फरवरी तक काला बिल्ला लगाकर ड्यूटी की थी। लेकिन अब तक उनकी मांगों पर सरकार ने कोई विचार नहीं किया। अब देखने वाली बात यह होगी कि आगे झारखंड पुलिस की सात सूत्री मांग और आंदोलन पर झारखंड सरकार का क्या कदम उठाती है।