कासगंज (उत्तर प्रदेश) । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को खुली जगह में शौच से मुक्ति दिलाने के लिए लगातार प्रयासरत हैं, वहीं ग्रामीण इलाकों में ग्राम प्रधान प्रधानमंत्री की इस पहल को पलीता लगाने में लगे हुए हैं। कासगंज में एक ऐसे ही मामले में मुख्य विकास अधिकारी ने शौचालय की लाखों की राशि का गबन करने के आरोप में दो प्रधानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और गबन की गयी राशि की वसूली के आदेश दिए हैं। लेकिन अभी तक खण्ड विकास अधिकारी व सहायक विकास अधिकारी पंचायत गंजडुण्डवारा ने न तो दोनों प्रधानों से गबन की धनराशि की वसूली की है और न ही उनके खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज (एफआईआर) दर्ज कराई है।
कासगंज जिले की पटियाली तहसील के विकास खंड गंजडुण्डवारा की ग्राम पंचायत उलाई खेड़ा के ग्राम बमनपुरा निवासी अरविंद हरपाल ने ग्राम पंचायत उलाई खेडा में प्रधान द्वारा मानक तथा गुणवत्ता विहीन बनवाये गये शौचलयों की 8 माह पहले जांच करायी थी। यह जांच सहायक विकास अधिकारी पंचायत गंजडुण्डवारा के निर्देशन में खण्ड प्रेरकों के द्वारा की गई थी। इस जांच में यह खुलासा हुआ था कि पूर्व प्रधान राजकुमार ने 259 शौचालयों का निर्माण न करके 531150 रुपए का गबन किया है। जबकि वर्तमान प्रधान सत्यप्रकाश के द्वारा 259 शौचालयों का निर्माण न करके 336200 रुपए का गबन किया गया है ।
जांच रिपोर्ट आने के बाद जिला पंचायत राज अधिकारी कासगंज ने 15-12-2018 को खण्ड विकास अधिकारी व सहायक विकास अधिकारी पंचायत गंजडुण्डवारा को निर्देश दिया कि वह गबन की गयी राशि से मानक के अनुसार सभी शौचालयों का निर्माण कराएं। लेकिन इस निर्देश के बावजूद दोनों प्रधानों ने न तो अभी तक शौचालय का निर्माण करवाया और न ही उन्होंने अभी तक अपने पक्ष में कोई साक्ष्य प्रस्तुत किया है।
ऐसी दशा में मुख्य विकास अधिकारी कासगंज ने 03-01-2019 को खण्ड विकास अधिकारी व सहायक विकास अधिकारी पंचायत गंजडुण्डवारा को निर्देश दिया कि वो पत्र प्राप्ति के तीन दिवस के अन्दर शौचालय निर्माण न कराये जाने के सम्बंध में वसूली धनराशि जिला स्वच्छता समिति कासगंज के खाते में तत्काल जमा कराएं तथा उपरोक्त समय में वसूली धनराशि न जमा करने पर संबंधित प्रधानों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराने की कार्यवाही सुनिश्चित करें। लेकिन हैरानी की बात यह है कि मुख्य विकास विकास अधिकारी के आदेश के बावजूद खण्ड विकास अधिकारी व सहायक विकास अधिकारी पंचायत गंजडुण्डवारा ने न तो अभी तक संबंधित से वसूली धनराशि जमा कराई है और न ही दोनों प्रधानों के खिलाफ एफआईआर ही दर्ज करायी है। वहीं अधिकारियों और प्रधानों की इस मनमानी से परेशान होकर अरविंद हरपाल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस गबन के खिलाफ कार्रवाई के लिए लिखा है, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं आया है।