दिल्ली । देश की राजधानी की दिल्ली पुलिस की रिश्वतखोरी की हैरतंगेज करतूत सामने आयी है। ऑनलाइन ठगों को छोड़ने के एवज में एक करोड़ की रिश्वत मांगने के आरोप में दिल्ली पुलिस ने एक एएसआई समेत चार पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया है । इस मामले का पता तब चला जब रिश्वतखोरी की पहली किश्त के बंटवारे को लेकर पुलिसवालों और पीड़ित महिला के बीच विवाद हो गया और फिर पूरे मामले का भंडाफोड़ हो गया।
आपको बता दें कि 28 सितंबर को छत्तीसगढ़ में ऑनलाइन ठगी का एक केस दर्ज हुआ था। इस मामले के छह आरोपी थे, जिनमें से पांच पकड़े जा चुके हैं। छठवें आरोपी दिल्ली के कंझावला निवासी प्रदीप प्रधान को तीनों पुलिस वालों ने पकड़ा लिया। और फिर उसे उत्तमनगर स्थित सचिन के घर पर बंधक बनाकर रखा। इसके बाद उन्होंने प्रदीप प्रधान की पत्नी नेहा से संपर्क किया और उसके पति को छोड़ने के एवज में डेढ़ करोड़ रुपए की मांग की । हालांकि बातचीत के बाद यह डील एक करोड़ में हुई। नेहा ने रविवार को 11 लाख की पहली किस्त भी दे दी। बाकी रकम का भुगतान मंगलवार दोपहर मौर्या एंक्लेव में बताई जगह पर होना था। नेहा यहां दो लोगों के साथ पहुंची। नेहा ने रकम देने से पहले प्रदीप प्रधान को सामने लाने की बात कही। इस पर सादे कपड़ों में आए पुलिसवालों और नेहा के साथ आए लोगों के बीच कहासुनी हो गई। जिसके बाद दोनों के बीच मारपीट होने लगी। किसी ने इस घटना की पीसीआर को सूचना दे दी। इसके बाद स्थानीय पुलिस ने मौके पर पहुंचकर आरोपी पुलिसकर्मियों को पकड़ लिया। पीसीआर सभी को लेकर थाने पहुंची तो एक करोड़ रुपये की रिश्वतखोरी का पूरा मामला उजागर हो गया। पीड़ित नेहा ने पुलिस के सामने पूरी कहानी बयान कर दी। पुलिस ने एक व्यक्ति को बंधक बनाकर रखने व जबरन वसूली के मामले में तीन पुलिसकर्मियों, असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर सुबे सिंह, हेड कांस्टेबल इंदू परमार व कांस्टेबल अजय को गिरफ्तार कर लिया। चौथी गिरफ्तारी इनके सचिन नाम के साथी की हुई। गिरफ्तारी के बाद रणहौला थाने के एसएचओ को भी लाइन हाजिर कर जांच के आदेश दिए गए हैं।