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HIV पीड़ितों को मिलेगी पेंशन और आहार भत्ता

HIV पीड़ितों को मिलेगी पेंशन और आहार भत्ता

पानीपत (हरियाणा) हरियाणा के एचआईवी पीड़ित लोगों के लिए खुशी की खबर है। हरियाणा एड्स कंट्रोल सोसायटी और सामाजिक न्याय एवं सशक्तीकरण विभाग ने एचआइवी पीड़ितों को पेंशन और आहार भत्ता के रूप में 2300 रुपये मासिक देने का निर्णय लिया है। इसके लिए सोसाइटी ने सामाजिक न्याय एवं सशक्तिकरण विभाग को पत्र भेजकर आग्रह किया था। विभाग के प्रस्ताव को सरकार ने मंजूरी दे दी है। रोगियों को मिलने वाली धनराशि समाज कल्याण विभाग के माध्यम से सीधे रोगी के बैंक खाते में जाएगी।

हरियाणा एड्स कंट्रोल सोसायटी के जिला नोडल अधिकारी डॉ. मुनीष गोयल का कहना है कि सरकार के निर्देश पर सभी मरीजों को सूचना दी गई है कि वे अपने इलाज कार्ड, आधार कार्ड, बैंक पासबुक की प्रतिलिपि कार्यालय में जमा कराएं। जब भी डाटा मांगा जाएगा, भिजवा दिया जाएगा। निजी चिकित्सकों को सख्त निर्देश हैं कि एचआइवी पॉजिटिव की डिटेल स्वास्थ्य विभाग को दें। सोसाइटी के निर्देश पर जिले के रोगियों से एआरटी नंबर, आधार कार्ड, बैंक खाता संख्या आदि डाटा जुटाना शुरू कर दिया है। सोसायटी के परामर्शदाता रविंद्र सिंह ने बताया कि रोगियों में अधिकांश निम्न तबके के लोग, ट्रक-बस और टैक्सी चालक, स्लम एरियावासी, ईंट भट्ठों और कंस्ट्रक्शन साइट्स पर काम करने वाले महिला-पुरुष मजदूर शामिल हैं। जिन्हें हरियाणा एड्स कंट्रोल सोसायटी और सामाजिक न्याय एवं सशक्तीकरण विभाग के इस अहम कदम का लाभ मिलेगा।

 

नागरिक का मौलिक कर्तव्य

(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें। 

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।

(ग) भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें। 

(घ) देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें। 

(ङ) भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।

(च) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। 

(छ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।

(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें । 

(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें। 

(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।

(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

बंदी (कैदी) का अधिकार