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बैलेट पेपर से मतदान की मांग खारिज: मुख्य चुनाव आयुक्त

बैलेट पेपर से मतदान की मांग खारिज: मुख्य चुनाव आयुक्त

जयपुर (राजस्थान) । आखिरकार तमाम अटकलों के बीच चुनाव आयोग ने राजनीतिक पार्टियों की बैलेट पेपर के जरिए मतदान करवाने की मांग को भी खारिज कर दिया है। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ओम प्रकाश रावत ने पत्रकार वार्ता में कहा कि देश में पहली बार अगले विधानसभा चुनावों में वीवीपेट और इवीएम एम थ्री मशीनों से मतदान करवाए जाएंगे। इन मशीनों में किसी भी तरह से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है। साथ ही उन्होंने कहा कि मतदान के दौरान सेल्फी पर भी प्रतिबंध रहेगा। यदि कोई व्यक्ति ऐसा करता हुआ पाया जाएगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने कहा कि मतदान के लिए अत्याधुनिक मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिनमें किसी भी तरह की छेड़छाड़ की शंका नहीं है। उन्होंने कहा कि सिटीजन विजिलेंस व्यवस्था भी पहली बार लागू की जा रही है, जिसके जरिए कोई व्यक्ति किसी भी तरह की गड़बड़ी का वीडियो डाउनलोड करेगा, तो उस पर 24 घंटे के भीतर सख्त कार्रवाई होगी। साथ ही, शिकायतकर्ता चाहे तो उसका नाम भी गुप्त रखा जाएगा।

पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए मुख्य निर्वाचन आयुक्त ओम प्रकाश रावत ने राजनीतिक पार्टियों की बैलेट पेपर के जरिए मतदान करवाने की मांग को खारिज कर दिया। रावत ने कहा कि चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों को मशीनों में छेड़छाड़ कर गड़बड़ी साबित करने का दो बार मौका दिया। लेकिन कोई नहीं आया। उन्होंने कहा कि सभी मशीनें अच्छी तरह से जांच ली गई हैं। निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव के लिए अत्याधुनिक मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है। जिनमें किसी भी तरह की छेड़छाड़ की शंका है ही नहीं। फर्जी मतदाता या दोहरा मतदान करने की गुंजाइश लगभग न के बराबर है। यदि फिर भी ऐसी कोई घटना सामने आएगी, तो इस संबंध में सख्त कार्रवाई की जाएगी।

नागरिक का मौलिक कर्तव्य

(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें। 

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।

(ग) भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें। 

(घ) देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें। 

(ङ) भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।

(च) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। 

(छ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।

(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें । 

(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें। 

(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।

(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

बंदी (कैदी) का अधिकार