भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने कई दिनों से टोल फ्री नंबर- 1800-300-1947 को लेकर देशभर में जारी भय के माहौल पर सफाई दी है। यूआईडीएआई ने कहा कि गूगल की एक गलती से उसका पुराना हेल्पलाइन नंबर 18003001947 कई मोबाइल फोन उपयोगकर्ताओं की कांटैक्ट सूची में आ गया था। इसी मौके का फायदा उठाकर अफवाह फैलाने वालों ने आधार की छवि खराब करने की कोशिश की। प्राधिकरण का कहना है कि किसी फोन के कांटैक्ट की सूची में दर्ज नंबर के जरिये उस फोन की सूचनाएं नहीं चुरायी जा सकती है। प्राधिकरण ने कहा कि वह ऐसे निहित स्वार्थी तत्वों की कोशिशों की ‘निंदा’ करता है। यदि लोग चाहें तो बिना डरे इस टोल फ्री नंबर- 1800-300-1947 को मिटा सकते हैं, क्योंकि इससे कोई नुकसान नहीं है। यदि लोग चाहें तो, वे उसकी जगह यूआईएडीआई के नये हेल्पलाइन नंबर 1947 को अपने स्मार्ट फोन में सेव कर सकते हैं।
आपको बता दें कि टोल फ्री नंबर- 1800-300-1947 के स्मार्ट फोन में अपने आप सेव होने को लेकर देशभर फैलाई गयी अफवाह का कारण फ्रांस के एक तथाकथित साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ इलियट एल्डरसन को माना जा रहा है। इस साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ ने ट्विटर पर पिछले सप्ताह ट्वीट कर इस अफवाह को जन्म दिया था। उसने आईडीएआई को संबोधित करते हुए इस ट्वीट में कहा था, ‘‘अलग-अलग मोबाइल फोन सेवा कंपनियों के ग्राहक जिनके पास आधार कार्ड है या नहीं और जिन्होंने एमआधार एप का इस्तेमाल भी नहीं किया है, उनके भी फोन की कांटैक्ट सूची में आपका हेल्पलाइन नंबर उन्हें बताये बिना क्यों दर्ज कर दिया गया है?’’ इसके बाद सोशल मीडिया पर आधार के खिलाफ अफवाहों का दौर चलने लगा था, जिसके कारण सरकार भी हरकत में आयी और गूगल को बयान जारी कर अपनी भूल को माना और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील भी की।