नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के ओवरटाइम भत्ते को लेकर एक अहम फैसला लिया है। अब परिचालन कर्मियों को छोड़कर बाकी कर्मचारियों का ओवरटाइम भत्ता नहीं दिया जाएगा। कार्मिक मंत्रालय ने यह आदेश सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर जारी किया। केंद्रीय कर्मचारियों की संख्या करीब 48.41 लाख है। यह आदेश भारत सरकार के सभी मंत्रालयों, विभागों, उनसे संबद्ध और अधीन आने वाले कार्यालयों पर लागू होगा।
हालांकि सरकार की तरफ से यह भी कहा गया है कि ऑपरेशनल स्टाफ और औद्योगिक कर्मचारियों को इससे अलग रखा जाएगा। इस आदेश को केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों और विभागों में लागू किया जाएगा। परिचालन कर्मियों में ऐसे सभी गैर-मंत्रालयी अराजपत्रित केंद्रीय कर्मी शामिल हैं जो सीधे तौर पर कार्यालयों के सुचारू संचालन में शामिल हैं। इनमें वे कर्मी भी शामिल हैं जिन पर विद्युत और यांत्रिक उपकरणों के संचालन की जिम्मेदारी है।
कार्मिक मंत्रालय ने सभी मंत्रालयों एवं विभागों की संबंधित प्रशासनिक शाखा को सभी परिचालन कर्मियों की सूची तैयार करने का आदेश दिया गया है। इसमें किसी श्रेणी विशेष के कर्मचारियों को परिचालन कर्मियों की सूची में शामिल करने का कारण भी बताना होगा। सरकार ने ओवरटाइम प्रदान करने के लिए इसे बायोमेट्रिक अटेंडेंस से जोड़ने का फैसला भी किया है। इसके अलावा ओवरटाइम की दरों को संशोधित भी नहीं किया जाएगा। इसका भुगतान 1991 में जारी आदेश के मुताबिक ही किया जाएगा। कार्मिक मंत्रालय ने अपने आदेश में कहा है कि ओवरटाइम का भुगतान तभी किया जाएगा जबकि संबंधित कर्मचारी को उसके वरिष्ठ अधिकारी ने किसी अत्यावश्यक कार्य के लिए लिखित में कार्यालय में अतिरिक्त समय तक रुकने का आदेश दिया हो।