नई दिल्ली। विदेश मंत्रालय ने पासपोर्ट सेवाओं के सरलीकरण की दिशा में एक और अहम कदम उठाते हुए मंगलवार से मोबाइल फोन से भी आवेदन करने की सुविधा शुरू कर दी। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पासपोर्ट सेवा दिवस के अवसर पर पासपोर्ट सेवा ऐप लॉन्च करके सेवा की शुरुआत की। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि पासपोर्ट के लिए अब लोगों को अब दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। इस एप के जरिए देश के किसी हिस्से में पासपोर्ट के लिए आवेदन किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह एप पुलिस वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को और भी सरल बनाएगा। एप पर दिए गए पते पर ही पुलिस वेरिफिकेशन होगा। इस मौके पर संचार मंत्री मनोज सिन्हा और विदेश राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह भी उपस्थित थे।
विदेश मंत्री का कहना था कि अब पासपोर्ट के लिए आवेदन करते वक्त महिला और पुरुषों को मैरिज सर्टिफिकेट देने की जरूरत नहीं होगी। ज्यादातर तलाकशुदा महिलाओं की शिकायत थी कि उन्हें अपने पूर्व पति यानी ऐसे व्यक्ति की जानकारी देनी पड़ती है, जो बच्चों के लिए अजनबी होते हैं। अब उन्हें ऐसा नहीं करना पड़ेगा।
विदेश मंत्री ने कहा कि इसके जरिए पासपोर्ट बनवाना और आसान हो गया है। एप के मुख्य मेन्यु में फीस, पासपोर्ट का स्टेटस, सेंटर, एफिडेविड और अपाइंटमेंट संबंधी उपलब्धता है। इसमें उपलब्ध सेवाओं का ब्योरा, आवेदन कहां करना है, आवेदन पत्र, फीस के भुगतान, पुलिस वेरिफिकेशन, पोस्टल डिस्पैच एवं कॉल सेंटर की जानकारी भी रहेगी। हालांकि इसके पूर्व भी मंत्रालय ने , इस तरह का एप बनाया था, लेकिन उसमें कुछ दिक्कतें थीं। इसलिए नए सिरे से यह एप विकसित किया है। इसमें आवेदक अपने स्मॉर्टफोन मोबाईल पर एप को डाउनलोड कर पासपोर्ट हेतु आवेदन कर सकते हैं। पासपोर्ट सेवा केंद्र, शुल्क का भुगतान, आवेदन की स्थिति, संपर्क तथा अन्य संबंधित जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं। इसके साथ ही मुलाकात हेतु उपलब्ध समय की स्थिति, पासपोर्ट हेतु आवश्यक दस्तावेज एवं भारत के बाहर के मिशन/पोस्टों आदि के बारे में भी एप के माध्यम से जानकारियां प्राप्त की जा सकती है । इससे पासपोर्ट संबंधी आवेदन में पारदर्शिता एवं समय की बचत तो होगी ही साथ ही जरूरी जानकारी लेने में भी आसानी होगी।
विदेश मंत्री के मुताबिक, देश में फिलहाल 260 पासपोर्ट केंद्र हैं। सरकार हर लोकसभा क्षेत्र में पासपोर्ट केंद्र खोलने की योजना पर काम कर रही है। पहले दो चरणों में 251 नए पासपोर्ट केंद्र खोलने की योजना बनाई गई थी, जिसमें से 212 केंद्र बन चुके हैं। तीसरे चरण में हमने 38 केंद्र खोलने की बात कही थी, इनमें से 2 शुरू हो गए हैं।