भोपाल (मध्य प्रदेश)। मतदाता सूची में लाखों मतदाताओं के नाम को लेकर मचे घमासान के बीच चुनाव आयोग ने कांग्रेस पार्टी के दावे को गलत करार दिया है। निर्वाचन आयोग का कहना है कि है कि इस संबंध में 3 जून को की गई कांग्रेस पार्टी की शिकायत जांच में गलत पाई गई। कलेक्टरों के माध्यम से हजारों बीएलओ को लगाकर जांच कराई गई। इसमें आरोप पूरी तरह प्रमाणित नहीं पाए गए। इन 34 जिलों की 91 विधानसभा सीटों में करीब 90 फीसद मतदाता पात्र निकले और सूची में दर्ज पते पर ही पाए गए। शिकायत में जो आरोप लगाए गए थे, उन क्षेत्रों में 7.81 प्रतिशत मतदाताओं के नाम पहले ही अपात्र होने की वजह से हटाए जा चुके हैं। जबकि 2.91 फीसद मतदाता के नाम हटाने योग्य पाए गए हैं। इसमें गैर-हाजिर, मृत और डुप्लीकेसी से संबंधित मामले शामिल हैं।
इस जांच में 1 लाख 76 हजार 564 व्यक्तियों के नाम सूची से या तो पहले ही हट चुके थे या फिर दर्ज ही नहीं पाए गए। सिर्फ 49 हजार 422 ऐसे मतदाता निकले, जिनके नाम मतदाता सूची से हटाए जाने की कार्रवाई की जानी है। निर्वाचन आयोग की मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सलीना सिंह के अनुसार शिकायत की जांच के दौरान कलेक्टरों से 26 लाख 76 हजार 231 प्रकरणों की जानकारी प्राप्त हुई। ये सभी मामले 34 जिलों की 91 विधानसभा सीटों से जुड़े थे। बीएलओ ने एक-एक मतदाता के घर जाकर जांच की। कुल 22 लाख 60 हजार 158 मतदाताओं के सत्यापन में 20 लाख 34 हजार 172 मतदाता घरों में उपस्थित मिले। 01.75 लाख वोटरों के नाम मतदाता सूची में पहले से ही दर्ज नहीं थे। बाकी 50 हजार मतदाताओं के मामले में गड़बड़ी मिली है, जिसे ठीक करने का काम जारी है। बीएलओ ने मतदाताओं के हस्ताक्षर एवं मोबाइल नंबर भी लिए हैं। पहचान मतदाता पहचान पत्र, आधार कार्ड या अन्य आईडी प्रूफ के द्वारा करवाई गई। ऐसे मतदाता जो उपस्थित नहीं मिले, उनके संबंध में परिवार के मुखिया या सदस्य अथवा स्थानीय निवासियों से जानकारी ली गई। कुल मिलाकर कलेक्टरों द्वारा बूथ लेवल ऑफिसरों को घर-घर भेजकर कराए गए सत्यापन से एक बात साफ हो गई कि मतदाता सूची में उस तरह की गड़बड़ियां नहीं हैं, जैसा दावा किया जा रहा था। इसकी रिपोर्ट बुधवार देर रात चुनाव आयोग को भेज दी गई।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के अधिकारियों ने बताया कि 26 लाख 76 हजार 231 मतदाताओं में से 3 लाख 67 हजार 73 मतदाताओं की जांच होना बाकी है। इनकी पड़ताल करके रिपोर्ट चुनाव आयोग को भेजी जाएगी। बाकी जिलों में भी जांच चल रही है। ये एक सतत प्रक्रिया है। समान चेहरे वाली शिकायत की जांच बाकी मतदाता सूची में समान चेहरे वाले कई मतदाताओं की शिकायत पर कार्रवाई होना अभी बाकी है। इसके लिए विशेष सॉफ्टवेयर की मदद से जांच का काम चल रहा है। 31 जुलाई को मतदाता सूची का प्रारंभिक प्रकाशन होगा। इसके बाद दावे-आपत्ति का सिलसिला शुरू हो जाएगा। 27 सितंबर को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन किया जाएगा। इस दौरान नाम जोड़ने, संशोधन और हटाने का काम चलेगा। 4.99 करोड़ रह गए मतदाता प्रदेश में अपात्रों के नाम मतदाता सूची से हटाने के बाद अब मतदान के योग्य मतदाताओं की संख्या 4 करोड़ 99 लाख 34 रह गई है। यह संख्या पहले 5 करोड़ 1 लाख 96 हजार 47 थी।
सलीना सिंह मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने चुनाव आयोग को जांच रिपोर्ट भेजने के बाद बताया कि कांग्रेस की शिकायत जनवरी 2018 की मतदाता सूची के आधार पर थी। मई तक हम 10 लाख 31 हजार 812 अनुपस्थित, स्थानांतरित, मृत और दोहरी प्रविष्टि वाले मतदाताओं के नाम हटा चुके थे।