रायगढ़ (छत्तीगढ़)। पुलिसकर्मियों के परिवारों के आंदोलन के एलान के बीच एक अजीबो गरीब चिट्ठी वायरल हुई है। रायगढ़ के एक हेड कांस्टेबल ने एसपी को एक चिट्ठी लिखी है, जिसमें उसने कहा है कि उसकी पत्नी 25 जून को रायपुर में हो रहे धरने में जाएगी। इस दौरान उसे अपने बच्चों को संभालना पड़ेगा। वह पत्नी की चेतावनी से डरा हुआ है। इसलिए बच्चों को संभालने के लिए दो दिन की छुट्टी दे दी जाए। वहीं एसपी टीआर कोशिमा का कहना है कि हेड कांस्टेबल ने चिट्ठी को सोशल मीडिया में वायरल किया है। यह तरीका अनुशासन भंग करने वाला है। हेड कांस्टेबल को नोटिस दिया गया है। जवाब मिलने के बाद कार्रवाई की जाएगी। रघुनाथनगर थाने के हेडकांस्टेबल संजय कुमार सिंह ने एसपी के नाम यह चिट्ठी थाना प्रभारी को दी है। चिट्ठी वायरल होने के बाद एसपी ने हेडकांस्टेबल से जवाब मांगा है।
हेड कांस्टेबल ने अपनी चिट्ठी में एसपी को लिखा है कि मैं प्रधान आरक्षक- 286 संजय कुमार सिंह जो थाना रघुनाथनगर में पदस्थ हूं। मेरी पत्नी ऊंचे और राजनीतिक घराने से ताल्लुक रखती है। जिसके कारण मुझे उसके आदेशानुसार ही कार्य करना पड़ता है। वह 25 तारीख को रायपुर में होने वाले पुलिस परिवार के धरना प्रदर्शन में शामिल होना चाहती है। मैं नहीं चाहता हूं कि वह उस धरने में शामिल हो। उसको रोकने के लिए मारना पीटना आवश्यक है। लेकिन उसका मायका राजनीतिक होने के कारण मुझ पर कभी भी अपराध दर्ज करवा सकती है। अत: श्रीमानजी से निवेदन है कि मुझे अपनी पत्नी को डराने-धमकाने / पिटाई करने की अनुमति प्रदान करने की कृपा करें, जिससे मैं उसे धरना में रायपुर जाने से रोक सकूं।
वहीं छत्तीगढ़ में पहली बार अपने अधिकारों को लेकर उबल पड़े पुलिसकर्मियों ने अपने पत्नी-बच्चों और परिजनों को आंदोलन का चेहरा बना लिया है। पुलिस परिवारों का आंदोलन राज्यभर में फैलता जा रहा है। पूरे प्रदेश में आंदोलन को कुचलने की कोशिशें तेज हो गईं हैं। लेकिन 25 जून नजदीक आने के साथ ही पुलिस परिवारों का आक्रोश भी बढ़ता जा रहा है। कोरबा में 40 महिलाओं को हिरासत में लिया गया। हालांकि हंगामे की आशंका से 6 घंटे बाद छोड़ दिया गया। सभी शहरों में पुलिस परिवार 25 जून को राजधानी रायपुर और जिला मुख्यालयों में प्रदर्शन की तैयारी कर रहे हैं। बुधवार को भी रायपुर को छोड़कर कई शहरों में रैलियां निकाली गईं। कोरिया में पुलिसकर्मियों के परिजनों ने कोरिया में रैली निकाली और कलेक्टोरेट पहुंचकर एसडीएम को सीएम के नाम ज्ञापन सौंपा। प्रदर्शन के दौरान जिलेभर के पुलिस जवानों के परिजन मौजूद थे। परिजनों ने चेतावनी दी कि मांगें पूरी नहीं हुईं तो वे चुप नहीं बैठेंगे। सीएम हाउस का घेराव करेंगे। अंबिकापुर में पुलिस परिवार ने अंबिकापुर की प्रमुख सड़कों से रैली निकाली। अफसर रह-रहकर कार्रवाई की चेतावनी देते रहे। लेकिन वे नहीं माने। कलेक्टोरेट पहुंचकर रैली खत्म की और ज्ञापन सौंपा। नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव ने भी रैली में शामिल होकर उन्हें समर्थन दिया।
इस बीच रायपुर एसएसपी अमरेश मिश्रा की अपील वायरल हुई है। लंबी चिट्ठी में उन्होंने पुलिस जवानों से कहा है कि सरकार उनकी मांगों पर विचार कर रही है। समितियां बनाई हैं, जो हर साल प्रस्ताव भेजती हैं। बेसिक सुविधाएं जरूरी हैं। इसके लिए पुलिस कल्याण बोर्ड कोशिशें कर रहा है। पुलिस एक अनुशासित विभाग है। इसमें आंदोलन करने पर बर्खास्त भी किया जा सकता है।
आपको बता दें कि पुलिसकर्मियों की बढ़ती परेशानियों और वेतनमान के विरोध में पुलिसवालों के परिवार वाले 25 जून को मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेंगे। पुलिसकर्मियों के परिवार की मांग है कि पौष्टिक आहार का भत्ता 100 से बढ़ाकर 3000 रु. किया जाय, मेडिकल भत्ता 200 से बढ़ाकर 2000 रु. किया जाए, मोबाइल भत्ता 500 रु. दिया जाए, वर्दी धुलाई भत्ता 60 से बढ़ाकर 500 रु. बढ़ाया जाए, साइकिल भत्ता बंद कर पेट्रोल भत्ता 3000 रु. करें, किट पेटी सामग्री की जगह 10 हजार रु. हर साल दिया जाए, मकान किराए की राशि बढ़ाई जाए, यात्रा भत्ते में भी बढ़ोतरी हो, योग्य एवं वरिष्ठ आरक्षकों को परीक्षा के जरिए प्रमोशन किया जाए, अन्य विभागों की तरह सप्ताह में एक दिन छुट्टी दी जाए, नक्सली भत्ता 50 प्रतिशत किया जाए, प्रत्येक जवान व कर्मचारी की ड्यूटी 8 घंटे तय की जाए, नक्सल क्षेत्र के जवानों को बुलेट प्रूफ जैकेट दी जाए, ड्यूटी के दौरान मरने वालों को शहीद का दर्जा दिया जाए, शहीद के परिजन को एक करोड़ रु. दिए जाएं।