अंबाला (हरियाणा)। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने बिना दलील सुने ही कैथल की कष्ट निवारण समिति की बैठक में जन स्वास्थ्य विभाग के एसडीओ को सस्पेंड कर दिया, और उसकी गिरफ्तारी के आदेश दे दिए। इसके साथ ही डिलीवरी के दौरान लापरवाही के मामले में 2 स्टाफ नर्स समेत 4 को सस्पेंड करने के आदेश जारी कर दिया। विज से मिलने आए एम्बुलेंस चालक, ईएमटी, नर्सिंग सिस्टर और स्टाफ नर्स को बैरंग वापस लौटना पड़ गया। हालांकि इऩ कर्मचारियों ने खुद को बेकसूर बताया है। एसडीओ, अधीक्षण अभियंता और डीसी ने कहा कि शिकायत रंजिशन की गयी है, इसकी पहले जांच करा ली जाए, लेकिन विज ने उनकी बात सुनने से इनकार कर दिया। विज ने बताया कि बीते कई हफ्ते से ऐसी शिकायतें सामने आ रही थीं, लेकिन अधिकारी कोई एक्शन नहीं ले रहे थे। एसडीओ को सस्पेंड करने पर विज ने कहा कि उक्त एसडीओ की शिकायत हर हफ्ते आ रही थी, इसलिए उसे बर्खास्त कर दिया गया।
एसडीओ वेदपाल का कहना है कि 8 मई को ठेकेदार की लेबर को पानी देने से इंकार करने पर उस पर गुहला कार्यालय में हमला कर दिया गया था। इस मामले में उसने नगर पालिका सचिव अशोक कुमार व दो अन्य के खिलाफ केस दर्ज करवाया था। घटना के बाद प्रेस कान्फ्रेंस कर उन्होंने इसके लिए एक विधायक को जिम्मेदार भी बताया था, जिसके कहने पर उन्होंने ठेकेदार की लेबर के लिए पानी का सरकारी टेंकर भेजने से मना कर दिया था। हमले के इस मामले में हो रही किरकिरी के बीच शुक्रवार को स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज लघु सचिवालय में कष्ट निवारण समिति की बैठक में पहुंचे। बैठक में भाजपा विधायक बाजीगर के हलके के गांव ककहेड़ी निवासी ठेकेदार दिग्विजय सिंह ने शिकायत की कि एसडीओ वेदपाल वर्क ऑर्डर काटने के नाम पर 20 प्रतिशत राशि मांग रहा है। यह सुनते ही विज ने कहा कि आप 20 प्रतिशत मांग रहे हो। एसडीओ को सस्पेंड किया जाए। इस पर वेदपाल ने कागज दिखाते हुए कहा कि शिकायतकर्ता गलत बोल रहा है और मेरे पास उसके खिलाफ सुबूत है। पहले आरोपों की जांच करा लें। अधीक्षक अभियंता एके पाहवा ने भी कहा कि आरोप रंजिशन लगाए जा रहे हैं, मामले की जांच होनी चाहिए। इस पर डीसी ने भी जांच की बात कही मगर विज नहीं माने। एसडीओ वेदपाल की सुनवाई नहीं हुई तो उसने कहा कि साहब..ये तो औरंगजेब का राज हो गया। मामले की सीबीआई से जांच करवा लो..। इस पर नाराज विज ने कहा कि बाहर निकालो इसे और इसके खिलाफ केस भी दर्ज करवाकर शाम तक गिरफ्तार किया जाए। विज यह कह कर गाड़ी में बैठकर चले गए कि मेरा फैसला कभी वापस नहीं होता है। जिसके बाद मौके पर मौजूद पुलिस एसडीओ वेदपाल को साथ ले गई।