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महिला पुलिस अधिकारी दर्ज करेंगी दुष्कर्म की FIR

महिला पुलिस अधिकारी दर्ज करेंगी दुष्कर्म की FIR

जयपुर (राजस्थान)। प्रदेश की वसुंधरा राजे सिंधिया की सरकार ने मासूम बच्चियों सहित दुष्कर्म के आरोपियों को जल्द से जल्द सजा दिलाने के लिए एक नया कदम उठाया है। अब दुष्कर्म, छेड़छाड़ और पोक्सो एक्ट सहित महिलाओं से जुड़े सभी मामलों में प्रथम सूचना रिपोर्ट सिर्फ महिला पुलिस अधिकारी को ही दर्ज करनी होगी। किसी पुलिस थाने में यदि कोई महिला पुलिस अधिकारी मौजूद नहीं है तो किसी स्वयं सेवी संगठन से जुड़ी महिला प्रतिनिधि की मदद ली जा सकेगी। केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी एडवाइजरी के बाद राज्य सरकार ने पुलिस मुख्यालय सहित कलेक्टर-एसपी को एक गाइडलाइन जारी की है। निशक्त पीड़िता की एफआईआर दर्ज करने के लिए पुलिस को उसके निवास स्थान जाने तक के निर्देश दिए गए हैं। 

दुष्कर्म के आरोपियों को जल्द सजा दिलाने के लिए राजस्थान की वसुंधरा राजे सरकार ने सभी जिला कलेक्टर्स एवं पुलिस अधीक्षकों को महिलाओं से जुड़े मामलों को लेकर गाइड लाइन जारी की है। नई गाइड लाइन के अनुसार यदि दुष्कर्म पीड़िता मानसिक अथवा शारीरिक रूप से नि:शक्त है तो पुलिस अधिकारी ऐसी पीड़िता की रिपोर्ट दर्ज करने उसके घर जाएंगे। इसकी वीडियो ग्राफी भी की जाएगी। दुष्कर्म से जुड़े मामलों में जांच दो माह में पूरा कर चार्जशीट दाखिल करने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं, तय कर दिया है कि कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करते समय मेडिकल रिपोर्ट के साथ ही विधि विज्ञान प्रयोगशाला की रिपोर्ट भी संलग्न करनी होगी । दुष्कर्म या छेड़छाड़ की शिकार पीड़िता सहित जिस किसी व्यक्ति ने ऐसी घटना की सूचना दी है उसे भी प्रथम सूचना रिपोर्ट की प्रति तत्काल प्रभाव से उपलब्ध करवाई जाएगी। ताकि, किसी तरह की कोई शिकायत हो तो तत्काल दूर की जा सके।  

इस नई गाइडलाइन में खास बात यह है कि राज्य अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए कोई नरमी नहीं बरती जाएगी। गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव दीपक उप्रेती की ओर से जारी परिपत्र में कहा गया है कि इस तरह के अपराधों में शामिल सरकारी अफसरों एवं कर्मचारियों के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति की आवश्यकता नहीं होगी। यानी सरकारी कार्मिकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।

 

 

 

 

नागरिक का मौलिक कर्तव्य

(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें। 

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।

(ग) भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें। 

(घ) देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें। 

(ङ) भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।

(च) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। 

(छ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।

(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें । 

(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें। 

(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।

(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

बंदी (कैदी) का अधिकार